Indian News : शिमला | हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में स्थित राम मंदिर में साईं की मूर्ति को लेकर नया बवाल शुरू हो गया है। उत्तर दिशा के ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने राम मंदिर में कार्यक्रम का बहिष्कार किया। वह गुरुवार को पहली बार शिमला पहुंचे थे।

दरअसल, शंकराचार्य देशभर में गौ हत्या रोकने और गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। शिमला में राम मंदिर में भी शंकराचार्य गो ध्वज की स्थापना के लिए पहुंचे थे। इस दौरान वह प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे। मगर जब उन्हें मालूम पड़ा कि मंदिर में साईं की मूर्ति है, तो उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस सहित कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया और राम मंदिर गए बगैर शिमला से वापस लौट गए।

Indian News के WhatsApp Channel से जुड़े

शंकराचार्य ने गुरुवार को शिमला के प्राचीन जाखू मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की। यहां पर उन्होंने गौ ध्वज की स्थापना की। इसी दौरान उन्हें राम मंदिर में साईं की प्रतिमा न हटाने की जानकारी मिली। जिसके बाद उनके स्टाफ ने जाखू मंदिर से ही एक संदेश दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि मन्दिर में साईं की मूर्ति होने की वजह से शंकराचार्य राम मंदिर नहीं आएंगे।




>>>>दिल्ली पुलिस के जवान ने हरियाणा के 2 व्यापारियों का किया अपहरण……”>Read more>>>>>दिल्ली पुलिस के जवान ने हरियाणा के 2 व्यापारियों का किया अपहरण……

शंकराचार्य के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शैलेंद्र योगीराज सरकार ने जानकारी दी कि उन्होंने पहले ही राम मंदिर से साईं की मूर्ति हटाने को कहा था, लेकिन नहीं हटाई गई। ऐसे में शंकराचार्य ने जाखू मंदिर से ही गौ ध्वज फहराया और वहीं से वापस देहरादून लौट गए। उनके मीडिया प्रभारी ने कहा कि हिंदू धर्म में पहले ही 33 करोड़ देवी देवता हैं। ऐसे में किसी अन्य धर्म के व्यक्ति की मूर्ति (प्रतिमा) का कोई मतलब नही है।

उन्होंने कहा कि शंकराचार्य देशभर में जहां भी मन्दिर में साईं की मूर्ति है, वहां पूजा नही करते हैं। इसलिए उन्होंने इस कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया है। बताया जा रहा है कि शंकराचार्य बुधवार रात को शिमला पहुंचे थे और शिमला के न्यू शिमला में अपने किसी अनुयायी के घर रुके थे।

@Indiannewsmpcg

Indian News

7415984153

You cannot copy content of this page