Indian News : रायपुर | रायपुर दक्षिण विधानसभा उप चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों की हार के लिए तंत्र-मंत्र की प्रक्रिया तेज हो गई है। इस चुनाव में तांत्रिक नीरज सैनी पुजारी ने यज्ञ कर के अपनी जीत की कामना की है। नीरज सैनी, जो धूं सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, ने पहले भी कई महत्वपूर्ण नेताओं के खिलाफ अनुष्ठान कर चुके हैं, जिनका प्रभाव उनके अनुसार स्पष्ट रूप से देखा गया है।

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तंत्र-मंत्र से जीत की कोशिश




नीरज सैनी पुजारी ने बताया कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, रमन सिंह, और बृजमोहन अग्रवाल जैसे नेताओं के खिलाफ विशेष अनुष्ठान किए हैं। उनका दावा है कि ये यज्ञ उनकी राजनीतिक स्थिति को प्रभावित करने में सफल रहे हैं। नीरज का कहना है कि बृजमोहन अग्रवाल के खिलाफ उन्होंने 17 बार हवन किया है, जिसके चलते उनके राजनीतिक सफर में रुकावटें आईं।

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पिछली चुनावों का अनुभव

तांत्रिक नीरज सैनी ने अब तक 2018 विधानसभा चुनाव, 2023 विधानसभा चुनाव, और 2024 लोकसभा चुनाव में भाग लिया है। उनका मानना है कि तंत्र-मंत्र का उपयोग गलत उद्देश्य से नहीं किया गया है। बल्कि, यह उनकी परेशानियों का सामना करने के लिए एक माध्यम है। उन्होंने कहा, “मेरे खिलाफ जो लोग हैं, उनके खिलाफ मैंने यज्ञ किया है।”

जमीन का विवाद और राजनीतिक चुनौती

नीरज सैनी ने बताया कि बृजमोहन अग्रवाल के समर्थकों ने उनकी पुश्तैनी जमीन पर कब्जा कर लिया था। वह उस जमीन पर धर्मशाला बनाना चाहते थे ताकि जरूरतमंद लोग कम दाम पर रुक सकें। उन्होंने इस संबंध में तत्कालीन सांसद रमेश बैस से शिकायत भी की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

ईमानदारी का वादा

उप चुनाव के लिए उन्होंने शपथ पत्र भी दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि विधायक बनने के बाद वे किसी भी प्रकार की रिश्वत या दलाली नहीं लेंगे। उन्होंने जनता से यह भी अपील की है कि अगर कोई उनके ईमानदारी पर संदेह करता है, तो वे उनकी जांच करवा सकते हैं। नीरज ने भाजपा प्रत्याशी सुनील सोनी और कांग्रेस प्रत्याशी आकाश शर्मा को चुनौती दी है कि वे भी जन बल से चुनाव लड़ें।

चुनावी महौल में तंत्र-मंत्र की अहमियत

इस बार का उप चुनाव तंत्र-मंत्र की प्रक्रियाओं के लिए चर्चित हो रहा है। नीरज सैनी के प्रयास ने इस विषय पर एक नया मोड़ दिया है, जिससे राजनीतिक रुख भी बदल सकता है। तंत्र-मंत्र और अनुष्ठानों का उपयोग चुनावों में कितना प्रभावी होता है, यह तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे, लेकिन इसने निश्चित रूप से चर्चा का विषय बना दिया है।

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