आरबीआई कर्मचारियों ने दी विदाई : भारत के निवर्तमान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास को आज उनके कार्यकाल के समाप्त होने पर आरबीआई भवन में भावभीनी विदाई दी गई। आरबीआई कर्मचारियों ने उन्हें उनके कार्यकाल के दौरान की गई उपलब्धियों के लिए धन्यवाद कहा और उनका सम्मान किया। शक्तिकांत दास का कार्यकाल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णयों और सुधारों से भरा रहा। विदाई समारोह के दौरान दास ने कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया और भारतीय रिजर्व बैंक के कर्मचारियों के योगदान को सराहा।
आज आरबीआई भवन में शक्तिकांत दास को उनके कार्यकाल के समाप्ति के बाद आरबीआई कर्मचारियों द्वारा भावनात्मक विदाई दी गई। इस मौके पर गवर्नर ने कर्मचारियों के साथ बिताए गए समय की सराहना की और उनके योगदान को अहम बताया। यह विदाई समारोह पूरी तरह से आदर्श और गरिमा से भरपूर था, जहां दास को एक सशक्त और प्रेरणादायक नेता के रूप में याद किया गया।
शक्तिकांत दास का कार्यकाल : शक्तिकांत दास का कार्यकाल भारतीय रिजर्व बैंक में महत्वपूर्ण फैसलों और सुधारों से भरपूर रहा है। उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान आर्थिक चुनौतियों का सामना करते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जिनसे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली। उनके नेतृत्व में रिजर्व बैंक ने कई वित्तीय और मौद्रिक नीति सुधारों को लागू किया, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को गति मिली।
कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त किया : विदाई समारोह में दास ने आरबीआई कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके साथ काम करना उनके लिए गर्व की बात रही। उन्होंने कहा कि आरबीआई के कर्मचारी अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाते हैं और उनके योगदान के बिना यह संगठन इतने बड़े ऊंचाइयों तक नहीं पहुंच सकता था।
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अहम निर्णय : शक्तिकांत दास ने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जिनका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ा। उनके नेतृत्व में आरबीआई ने मौद्रिक नीति में कई परिवर्तन किए, जिनसे बैंकों के लिए ऋण की लागत कम हुई और सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों (MSMEs) को वित्तीय सहायता मिल सकी। इसके अलावा, उन्होंने डिजिटल भुगतान प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए कई सुधार किए, जिससे वित्तीय समावेशन में सुधार हुआ।
आरबीआई का भविष्य और अगला गवर्नर : अब जब शक्तिकांत दास का कार्यकाल समाप्त हो गया है, भारतीय रिजर्व बैंक के अगले गवर्नर की नियुक्ति पर चर्चाएं तेज हैं। दास के जाने के बाद केंद्रीय बैंक के सामने कई चुनौतीपूर्ण कार्य होंगे, जैसे मौद्रिक नीति, मुद्रा स्फीति और वित्तीय प्रणाली में स्थिरता बनाए रखना। अगले गवर्नर को इन सभी मुद्दों का हल खोजना होगा, ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था की गति को बनाए रखा जा सके।
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