Indian News : बिलासपुर | बिलासपुर में रेत माफिया और प्रशासन के बीच बढ़ते टकराव की गंभीरता को दर्शाती है। खनिज विभाग द्वारा रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन के खिलाफ की गई कार्रवाई ने माफिया के खिलाफ एक ठोस कदम उठाने का प्रयास किया, लेकिन इसके बाद रेत माफिया की ओर से विरोध और धमकियां मिलीं। खासकर, जब रंजीत काठले ने खनिज जांच चौकी के कर्मचारियों को जान से मारने की धमकी दी और फिर पुलिस के सामने भी कर्मचारियों से दुर्व्यवहार किया।
कलेक्टर के निर्देश पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई, जिससे यह मामला और भी विवादास्पद हो गया। इस तरह के मामलों में जब प्रशासन और पुलिस के बीच आपसी समन्वय की कमी होती है, तो यह समस्या और भी जटिल हो जाती है। पहले नायब तहसीलदार की पिटाई और अब पुलिस की निष्क्रियता, यह दर्शाता है कि रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई में गंभीर समस्या है, जिसके कारण माफिया की शक्ति को चुनौती देना कठिन हो रहा है। यह स्थिति यह भी उजागर करती है कि रेत माफिया का प्रभाव कितना मजबूत है और प्रशासन के भीतर समन्वय और इच्छाशक्ति की कमी हो सकती है। इससे स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठते हैं।
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