Indian News : अग्निपथ योजना को लेकर देश की तीनों सेनाओं ने रविवार को संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस की। इस प्रेस कांफ्रेंस में रक्षा मंत्रालय के सैन्य विभाग के अतिरिक्त सचिव, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी, एयर मार्शल झा और लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा मौजूद रहे। इस दौरान तीनों सेनाओं के शीर्ष आधिकारियों ने अग्निपथ योजना के सभी प्रावधानों को विस्तार से समझाया और इसको लेकर हर तरह के भ्रम दूर किए-

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अग्निपथ योजना वापस नहीं ली जाएगी। उन्होंने देशभर में हो रही हिंसा और आगजनी को लेकर कहा कि सेना की नींव अनुशासन है जिसमें तोड़फोड़ की कोई जगह नहीं है। जो बच्चे कर रहे थे उनको जेल में डाला गया। कोचिंग वाले भी बच्चों को उकसा रहे थे।

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि1989 में ये काम शुरू हुआ। ये बहुत समय से पेंडिंग था। कमांडर की उम्र को लेकर सिफारिश की गई थी ताकि सेना का चेहरा युवा हो। हमारा मुद्दा है कि हमारी सेना युवा दिखे और हो। उन्होंने कहा कि जनरल रावत समेत कई अधिकारियों ने इस पर चर्चा की। कई देशों की सेना की भी स्टडी की गई। ले. जनरल अनिल पुरी ने कहा कि हमे यूथ चाहिए क्योकि उसमें जुनून होता और रिस्क लेता है लेकिन उसमें होश भी जरूरी है। हम सेना में जोश और होश का हिस्सा बराबर चाहते हैं।




लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने बताया कि आज के जवानों के मुकाबले अग्निवीरों को ज्यादा अलाउंस मिलेंगे। अग्निवीर और बाकी सैनिकों में कोई अंतर अलाउंस में नहीं रहेगा। देश सेवा को पैसे से ना तौलें। उन्होंने कहा कि आगे की लड़ाई टेक्नो-सेवी होगी और उसके लिए हमें यूथ चाहिए। हमारी 70 फीसदी इनटेक गांवों से है। पिछले सालों मो हमने अपना फ्लैब कट किया है। ये सिर्फ 46000 तक नहीं रहेगा, आगे ये और बढ़ेगा।

डिसेबिलिटी आदि के प्रावधान भी सबके लिए बराबर होंगे। पिछले दो साल से कोरोना की वजह से भर्तियां नहीं हुईं इसलिए अग्निपथ के लिए हमें ये मौका मिला। अग्निवीर किसी तरह से अलग नहीं होगा, सभी सुविधाएं और अलाउंस आर्मी वाले ही मिलेगें। उन्होंने आगे कहा कि जो भी गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय की तरफ से आरक्षण को लेकर या उम्र छूट का ऐलान किया गया, ये अचानक या विरोध के दबाव मे नहीं किया गया बल्कि ये सब पहले से तय था।

ले. जनरल अनिल पुरी ने बताया कि देश की सेवा में बलिदान देने वाले अग्निवीरों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा। ‘अग्निवीर’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में वही भत्ता और सुविधाएं मिलेंगी जो वर्तमान में नियमित सैनिकों पर लागू होती हैं। सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा। हर साल लगभग 17,600 लोग तीनों सेवाओं से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहे हैं। किसी ने कभी उनसे यह पूछने की कोशिश नहीं की कि वे सेवानिवृत्ति के बाद क्या करेंगे।

उन्होंने कहा कि हर एक जो हमसे अग्निवीर में जुड़ेगा, उसको अंडरटेकिंग/शपथ देनी होगी कि उसने कहीं प्रोटेस्ट में हिस्सा नहीं लिया या तोड़फोड़ या आगजनी नहीं की है। सभी का पुलिस वेरिफिकेशन कराया जाएगा और अगर किसी के नाम एफआईआर दर्ज मिलती है, तो वे सेना में शामिल नहीं हो सकते।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एयर मार्शल झा ने बताया कि एयरफ़ोर्स में अग्निवीर कीं रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया ऑनलाइन 24 जून से शुरू हो जाएगी और 24 जुलाई से परीक्षा की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। दिसंबर तक पहले बैच को एनरोल कर लेंगे। 30 दिसंबर से पहले बैच की ट्रेनिंग भी शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि अग्निपथ योजना के तहत लगभग 40,000 अग्निवीरों की भर्ती के लिए सेना 83 भर्ती रैलियां करेगी।

इस दौरान वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि 25 जून तक नेवी का विज्ञापन सूचना प्रसारण मंत्रालय को पहुंच जाएगा और उसके एक महीने में प्रक्रिया शुरू होगी। 21 नवंबर से अग्निवीर नेवी ट्रेनिंग के लिए INS Chilka रिपोर्ट करना शुरू करेंगे। उन्होंने बताया कि हम महिला अग्निवीर भी ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेवी की रिक्रूटमेंट प्रोसेस ऑनलाइन होगी। हम महिला अग्निवीर को नाविक और दूसरे ट्रेड में भी भर्ती करेंगे।

लेफ्टिनेंट जनरल पोनप्पा ने प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान कहा कि आर्मी की पहली रैली अगस्त के पहले पखवाड़े में शुरू हो जाएगी। ये दो बैच में होगा। पहला लॉट दिसंबर के पहले हफ्ते और अगला लॉट फरवरी 2023 तक आएंगे। उन्होंने कहा कि हमारी 83 रैली पूरे देश में होगी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में ले. अनिल पुरी ने बता कि देश की सेवा में शहीद होने वाले ‘अग्निवीर’ के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा।

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