Indian News : शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुश्किल वक्त में बदलते नजर आ रहे हैं। एकनाथ शिंदे गुट की बगावत से लेकर इस्तीफे तक उन्होंने जनता को फेसबुक लाइव के जरिए ही संबोधित किया था। उन्होंने कभी मीडिया से सीधे तौर पर बात नहीं की और कभी सवाल-जवाब के सेशन में नहीं आए। लेकिन आज उन्होंने अपने पैतृक आवास ‘मातोश्री’ मीडिया को बुलाया है और इस दौरान वह शिवसेना में पैदा हुए संकट को लेकर बात करेंगे। एक तरफ आदित्य ठाकरे ने निष्ठा यात्रा शुरू कर दी है तो वहीं उद्धव ठाकरे के प्रेस वार्ता करने के फैसले ने भी बदलाव के संकेत दिए हैं।
शिवसेना भवन में पिछले कुछ दिनों से विभिन्न समूहों की बैठकें कर रहे पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आज मातोश्री पर प्रेस कांफ्रेंस बुलाई है। फिलहाल पूरे महाराष्ट्र और देश की नजरें उद्धव ठाकरे पर हैं कि वे बागी नेता एकनाथ शिंदे के सीएम बनने और अब शिवसेना पर ही दावा ठोकने के बाद क्या कदम उठाएंगे। हाल ही में उद्धव ठाकरे ने शिवसैनिकों से कहा था कि समय आने पर वह एक अलग चुनाव चिन्ह पर लड़ने के लिए भी तैयार रहें। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि उद्धव ठाकरे को यह आभास हो गया है कि वह शिवसेना पर दावे की जंग सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग में हार भी सकते हैं। ऐसा होने पर उन्हें पार्टी का सिंबल धनुष बाण छोड़ना पड़ सकता है।
क्या कोई बड़ा ऐलान करेंगे उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे के तेवरों से पता चलता है कि वह बैकफुट पर आते दिख रहे हैं। देखना होगा कि मातोश्री पर आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव ठाकरे कोई नया ऐलान करेंगे या नहीं। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रपति चुनाव में कुछ ही दिन शेष हैं। दरअसल महाराष्ट्र के सियासी समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं और राष्ट्रपति चुनाव से क्लियर हो जाएगा कि आखिर कितने लोग उद्धव ठाकरे के साथ हैं और कितने लोग एकनाथ शिंदे गुट में हैं। आशंका है कि शिवसेना के 18 सांसदों में से ज्यादातर एकनाथ शिंदे गुट का समर्थन करते हुए द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट डाल सकते हैं, जो एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार हैं। वहीं एनसीपी और कांग्रेस यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रहे हैं।
राष्ट्रपति चुनाव में सांसदों के क्रॉस वोटिंग की है आशंका
शिवसेना के 18 में से कई सांसद तो खुले तौर पर राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन में बोलने लगे हैं। सांसद राहुल शेवाले और सांसद राजेंद्र गावित दोनों ने उद्धव ठाकरे से राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का अनुरोध किया था। इसलिए राष्ट्रपति चुनाव के चलते शिवसेना सांसदों के एक बड़े गुट के क्रॉस वोटिंग करने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में उद्धव ठाकरे की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस अहम होने वाली है।