Indian News : योगी आदित्‍यनाथ सरकार ने प्रदेश के 14 जिलों  के बेसिक शिक्षा अधिकारियों से पूूूछा है कि वे फील्‍ड में क्‍यों नहीं निकल रहे हैं। ये वे बीएसए हैं जिन्‍होंने स्‍कूलों और विभाग के अन्‍य कार्यालयों को चेक करने में दिलचस्‍पी नहीं ली। यही नहीं उनके जिले की जिला स्‍तरीय और ब्‍लॉक स्‍तरीय टॉस्‍क फोर्स भी ज्‍यादा एक्टिव नहीं है। 

इन जिलों में जिला स्तरीय और ब्लॉक स्तरीय टॉस्क फोर्स के निरीक्षण 10  फीसदी से भी कम हैं।महानिदेशक, बेसिक शिक्षा विजय किरन आनंद ने इन बीएसए को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।


एक अख़बार ने 27 जून को ‘निगरानी का जिम्मा था, घर से ही नहीं निकले’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसमें टॉस्क फोर्स समेत सभी अधिकारियों का ब्यौरा था जिन्होंने निरीक्षण में कोताही बरती थी। बीएसए के लिए प्रति माह 20 स्कूलों के निरीक्षण का लक्ष्य है। 




औरैया, अलीगढ़, बाराबंकी, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, कानपुर देहात, कुशीनगर, महाराजगंज, प्रतापगढ़, प्रयागराज, उन्नाव, सीतापुर व श्रावस्ती के बीएसए ने एक भी निरीक्षण नहीं किया था। विजय किरन आनंद ने कहा है कि शासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसे कार्यशैली व कर्तव्यों के प्रति उदासीनता मानते हुए स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश  दिए हैं। इन बीएसए को बताना होगा कि किन कारणों से निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति नहीं की जा सकी। उचित कारण न बताए जाने पर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

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