Indian News : आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को नया राष्ट्रपति मिल गया है. रानिल विक्रमसिंघे को श्रीलंका की संसद ने नया राष्ट्रपति चुना है. राष्ट्रपति नियुक्त होने के बाद रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि हमारा देश बहुत मुश्किल स्थिति से गुजर रहा है. हमारे सामने बहुत बड़ी चुनौतियां हैं. श्रीलंका में नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए आज यानी बुधवार को सुबह 10 बजे मतदान शुरू हुआ था. राष्ट्रपति पद के लिए मुकाबला तीन उम्मीदवारों के बीच था.
रानिल विक्रमसिंघे, डलास अल्हाप्पेरुमा और वामपंथी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके को मंगलवार को सांसदों ने राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवारों के रूप में प्रस्तावित किया था. इसके बाद बुधवार को रानिल विक्रमसिंघे चुनाव जीत गए और संसद ने उन्हें नया राष्ट्रपति नियुक्त किया है. बता दें कि वहां किसी भी उम्मीदवार को राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए देश की 225 सदस्यीय संसद में 113 से अधिक मत हासिल करना जरूरी होता है.
देश में लागू है आपातकाल
देश में अब तक के सबसे भीषण आर्थिक संकट से निपटने में श्रीलंकाई सरकार की नाकामी के बाद लोग सड़कों पर उतर आए और राजनीतिक उथल पुथल तथा देश में फैले अराजकता के माहौल के बीच गोटबाया राजपक्षे ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था. देश में फिलहाल लागू है.
श्रीलंका में 1978 के बाद से पहली बार राष्ट्रपति का चुनाव सांसदों द्वारा गुप्त मतदान के जरिए हो रहा है. इससे पहले 1993 में कार्यकाल के बीच में ही राष्ट्रपति का पद तब खाली हुआ था, जब तत्कालीन राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा की हत्या कर दी गई थी. उस वक्त डी बी विजेतुंगा को संसद ने सर्वसम्मति से प्रेमदासा का कार्यकाल पूरा करने का जिम्मा सौंपा था.
श्रीलंका में हालात बदतर
देश में विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी के चलते खाद्य उत्पादों, ईंधन और दवाओं जैसी जरूरी चीजों के आयात पर बुरा असर पड़ा है. विदेशी लोन 50 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया है. इस साल श्रीलंका को 7 अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज चुकाना है. श्रीलंका में संकट मार्च में शुरू हुआ, जब चंद लोग एक छोटे से समूह में एकत्र हुए और मिल्क पाउडर, नियमित बिजली आपूर्ति जैसी बुनियादी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे.