Indian News : महासमुंद (Mahasamund) जिले का जिला शिक्षा कार्यालय इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। जिला शिक्षा अधिकारी (District Education Officer)के कक्ष में थोड़ी सी बारिश होने पर झरना बन जाता है और अधिकारी का कक्ष पानी से लबालब भर जाता है। वर्षों पुराने इस भवन में बरसात में बैठने तक की जगह नहीं बच पाती है। जिसे देख कर आपको आश्चर्य होगा जी हां महासमुन्द जिला शिक्षा कार्यलय भवन काफी जर्जर हो गया है। जगह-जगह से टपक रहा है।
छत्तीसगढ़ राज्य बनने और महासमुंद के जिला बनने से पहले इस जिला शिक्षा अधिकारी का कार्यालय, आजादी के बाद से शिक्षकों को ट्रेनिंग देने के लिए बना गया था। 1998 में महासमुंद को जिला बनाया गया और इस ट्रेनिंग सेंटर को जिला शिक्षा विभाग अधिकारी का जिला कार्यालय बना दिया गया है। तब से लेकर अब तक इन 24 सालों में इस विभाग के भवन का जीर्णोद्धार नही हो सका है। महासमुन्द जिला शिक्षा के कक्ष के छत से जगह जगह से पानी टपक रहा है। बारिश के पानी रोकने के लिये बाल्टी लगा कर पानी को कक्ष में भरने से रोकने का नाकाम प्रयास किया जाता रहा है। कमरे की सिलींग टूट गई है। जहां से बारिश के पानी का रेला कमरे के अंदर बहता रहता है। जिले में 1955 स्कूल और 7500 शिक्षक और कर्मचारियों द्वारा इसी कार्यालय से भविष्य निधारण किया जा रहा है
इस जिला शिक्षा अधिकारी विभाग के अब तक जितने भी अधिकारी नियुक्त हुए उन्होंने सैकड़ों बार शासन को पत्र लिख कर भवन की स्थिति से अवगत कराया गया, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी के लिखे पत्र पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। मजबूरी में बरसात में भी जिला शिक्षा अधिकारी इस कक्ष में बैठने विवश नजर आ रहे हैं।