Indian News : नई दिल्ली। महिला हो या पुरुष, इनफर्टिलिटी की समस्या दोनों के लिए एक चिंता का विषय है। खासतौर से जब आप फैमिली प्लानिंग करने की सोच रहे हों। आजकल के लाइफस्टाइल का सीधा असर फर्टिलिटी पर ही पड़ता है। खराब रहन-सहन और खान-पान की वजह से पुरुषों में स्पर्म काउंट कम होता जा रहा है। स्मोकिंग और ज्यादा शराब स्पर्म की संख्या कम करती हैं। ये ऐसी परेशानी है जिसे पुरुष किसी को बताने में शर्मिंदगी महसूस करते हैं। ऐसी ही एक आदत है शराब का सेवन, मौजूदा दौर में ये जीवनशैली का एक ट्रेंड बन गया है, लेकिन इससे होने वाले नुकसान को लेकर हम में से ज्यादातर लोग नजरअंदाज कर देते है।
शराब और धुम्रपान से घटता है स्पर्म काउंट
Reason For Male Infertility: स्मोकिंग बॉडी को कई तरीके से प्रभावित करती है। स्मोकिंग से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है। इसके अलावा स्मोक करने से स्पर्म काउंट भी कम हो जाता है। सिगरेट पीने से शरीर में कार्बन मोनोऑक्साइड बढ़ता है जो स्पर्म को डैमेज करता है। वहीं शराब पीना हर तरह से नुकसानदेह है, इससे लिवर डैमेज होने का खतरा रहता है और तमाम तरह की परेशानियां पैदा हो सकती है, लेकिन हर कोई इस बात को नहीं जानता कि अल्कोहल की वजह से मेल फर्टिलिटी पर काफी बुरा असर पड़ता है। शराब पीने से न सिर्फ स्पर्म काउंट गिरने लगता है, बल्कि इसकी क्वालिटी भी कम होने लगती है। खासकर जो लोग ज्यादा ड्रिंक करते हैं उनके लिए खतरा भी उतना ही ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए इस लत से जितनी जल्दी छुटकारा पा लें उतना ही अच्छा है।
सप्लीमेंट्स
अगर आप में फिटनेस का जुनून है तो संभव है कि आप अपने लुक को मेंटेन रखने के लिए कुछ सप्लीमेंट्स भी लेते हों। कई सारे सप्लीमेंट्स आपके टेस्टोस्टेरोन लेवल को खराब कर सकता है जिसका सीधा असर आपके स्पर्म काउंट पर पड़ेगा।
यौन जीवन पर ऐसे पड़ता है असर
इन चीजों के सेवन से न सिर्फ मेल फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ता है बल्कि इससे यौन क्षमता भी प्रभावित होती है। शराब के सेवन से टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन का लेवल कम होने लगता है, साथ ही वैसे हॉर्मोन का बैलेंस बिगड़ता है जो स्पर्म के निर्माण में योगदान देते हैं। अल्कोहल के असर से हेल्दी स्पर्म का शेप साइज और ट्रैवलिंग की ताकत कम होने लगती है। शराब पीने से टेस्टिस का साइज सिकुड़ने लगता है जिसका सीधा असर मेल फर्टिलिटी पर पड़ता है। शराब पीने से इजुक्लेशन कम हो सकता है या प्रीमैच्योर इजुक्लेशन का खतरा बढ़ जाता है। अगर शराब पीना छोड़ दिया जाए तो 3 महीने में खुद ब खुद हेल्दी स्पर्म्स का प्रोडक्शन शुरू हो सकता है।