Indian News : यूक्रेन में रूस के हमले के बढ़ते खतरे का असर अब भारत पर भी दिखने लगा है। यूक्रेन स्थित दूतावास ने भारतीयों से अपील की है कि वे देश छोड़कर निकल जाएं। दूतावास की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि खासतौर पर स्टूडेंट अस्थायी तौर पर लौट सकते हैं, जिनका ठहरना बहुत जरूरी नहीं है। दूतावास की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है, ‘यूक्रेन के मौजूदा हालात को देखते हुए भारतीय नागरिक खासतौर पर छात्र अस्थायी रूप से जा सकते हैं, जिनका ठहरना बहुत जरूरी नहीं है।’ इसके अलावा भारतीय नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे यूक्रेन की गैर-जरूरी यात्रा करने से बचें।

इसके अलावा भारतीय नागरिकों से कहा गया है कि वे यूक्रेन में अपना स्टेटस साझा करें। इसके अलावा किसी भी तरह की मदद की स्थिति में संपर्क करें ताकि उन तक पहुंचा जा सके। यही नहीं दूतावास ने यह भी साफ किया है कि फिलहाल यूक्रेन में उसका काम सामान्य तरीके से चल रहा है। भारत से पहले अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों की ओर से अपने नागरिकों को यूक्रेन न जाने की सलाह दी जा चुकी है। यही नहीं कुछ देशों ने तो अपने दूतावासों से गैर-जरूरी स्टाफ को वापस भी बुलाना शुरू कर दिया है। फिलहाल यूक्रेन में युद्ध का संकट मंडरा रहा है और रूस ने एक लाख से ज्यादा सैनिकों और बड़े पैमाने पर हथियारों का जमावड़ा कर लिया है।

भारतीय दूतावास की ओर से बीते कई दिनों से यूक्रेन में रह रहे भारतीयों से संपर्क साधा जा रहा था। दूतावास की ओर से उन लोगों की लिस्ट तैयार की जा रही है, जिन्हें किसी भी तरह की मदद की जरूरत पड़ सकती है। इसी कड़ी में भारतीय दूतावास ने पूरी सावधानी बरतते हुए लोगों से अपील की है कि जरूरी न हो तो वे देश से निकल जाएं। यूक्रेन के टेरनोपिल में पढ़ाई करने वाले एक छात्र शिवम दुबे ने बताया था, ‘तीन सप्ताह पहले ही भारतीय दूतावास ने हमसे ईमेल पर संपर्क किया था और एक फॉर्म भेजा था। उस फॉर्म में हमसे यूक्रेन में हमारी लोकेशन और अन्य जानकारियां मांगी गई थीं ताकि बचाव के लिए अभियान चलाने की स्थिति में तत्काल संपर्क साधा जा सके।’




यूक्रेन में मौजूद हैं 20 हजार भारतीय, सुरक्षा को लेकर चिंता

यूक्रेन में भारत के करीब 20,000 लोग मौजूद हैं, जिनमें से 18,000 छात्र हैं। कई छात्रों ने टीवी चैनलों से बातचीत में यूक्रेन को लेकर चिंता जताई है। एक तरफ भारत ने अपने नागरिकों से यूक्रेन छोड़कर निकलने की अपील की है तो वहीं दूसरी तरफ अब तक रूस को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है। इससे साफ है कि भारत यूक्रेन विवाद में किसी का भी पक्ष लेने की बजाय तटस्थ रहना ठीक समझ रहा है।

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