Indian News : प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की तस्वीर शेयर कर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में दर्ज FIR को रद्द करने को मांग को लेकर दाखिल अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि आजकल का चलन बन गया है कि लोग अपना गुस्सा और फ्रस्ट्रेशन सोशल मीडिया पर सम्मानित लोगों पर अभद्र टिप्पणियां करके निकाल रहे हैं।
कोर्ट ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब यह नहीं है कि किसी को भी किसी भी प्रकार की भाषा का प्रयोग करने लाइसेंस मिल गया है. कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकने के लिए तत्काल प्रभावी कदम भी उठने का निर्देश दिया. यह आदेश न्यायमूर्ति संजय सिंह ने सिद्धार्थनगर के नियाज अहमद खान की अर्जी पर सुनवाई के दौरान दिया. नियाज़ पर आरोप है कि उसने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की थी।
याची ने FIR रद्द करने की मांग की थी
दरअसल सिद्धार्थनगर के नियाज अहमद खान ने अपने खिलाफ चार्जशीट और FIR रद्द करने की अर्जी दी थी. नियाज अहमद खान पर आरोप है कि उसने PM नरेंद्र मोदी की अंतरराष्ट्रीय आतंकी हाफिज सईद के साथ हाथ मिलाते हुए एडिटेड फर्जी फोटो फॉरवर्ड की थी. जिसे अनिल शर्मा नाम के व्यक्ति ने पोस्ट किया था।
इसी तरह आरोपी ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अमित शाह की आपत्तिजनक तस्वीर भी शेयर की थी. यह दोनों फोटो एडिटेड और फर्जी थी. यह तस्वीरें अखिलेश समर्थनाम से सोशल मीडिया पर शेयर की गई थी, जिसे आरोपी ने अपने अकाउंट से शेयर किया था. मामले में पुलिस ने अपनी चार्जशीट दाखिल की तो आरोपी ने हाईकोर्ट को शरण ली और FIR रद्द करने की अर्जी दी. जिसे कोर्ट ने सुनवाई के बाद खारिज कर दिया।