Indian News : देश के तीन पूर्वोत्तर राज्यों समेत आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और पंजाब बाजार से उधार लेने के बजाय भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की खास अल्पकालिक नकदी सुविधा का बार-बार इस्तेमाल कर रहे हैं. यह दिखाता कि ये राज्य नकदी असंतुलन की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं.

मणिपुर, मिजोरम और नगालैंड ये तीन पूर्वोत्तर राज्य बार-बार इन सुविधाओं का उपयोग कर रहे हैं. रिजर्व बैंक दरअसल राज्यों को उनकी नकदी की जरूरतों को पूरा करने के लिए खास विड्रॉल सुविधा, तरीके और साधन अग्रिम  और ओवर ड्राफ्ट जैसी तीन छोटी अवधि की नकदी सुविधा देता है.

राज्यों की ओर से इन सुविधाओं का इस्तेमाल करने का एक मुख्य कारण बाजार से उधार की तुलना में सस्ता मूल्य निर्धारण है. अगस्त तक इन राज्यों ने 3.2 से 4.2 प्रतिशत की औसत दर पर SDF सुविधा का लाभ उठाया है, जबकि राज्य बांडों की कीमत 7.8 प्रतिशत या उससे अधिक है. हाल में RBI की एक स्टडी ने वित्तीय प्रबंधन के संदर्भ में 10 कमजोर राज्यों की पहचान की है. इनमें आंध्र प्रदेश, बिहार, हरियाणा, झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं.




बैंक ऑफ बड़ौदा में अर्थशास्त्री सोनल बधान के अनुसार, इन सुविधाओं का बार-बार उपयोग इन राज्यों के गहरे नकदी असंतुलन के साथ-साथ राजकोषीय अनुशासन की कमी को दिखाता है. इसका मतलब है कि वे जितना कमा रहे हैं उससे अधिक खर्च कर रहे हैं. यह वित्त की समग्र स्थिति का एक प्रारंभिक संकेतक है. RBI ने साफ तौर पर कहा कि राज्यों के लिए ये तीन प्रावधान “उनकी प्राप्तियों और भुगतानों के नकदी प्रवाह में अस्थायी बेमेल से निपटने में मदद करने के लिए हैं.

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