Indian News : रायपुर । समस्त भारत के सम्राट चंद्रगुप्त को बनाने वाले आचार्य चाणक्य की नीतियां इतनी प्रभावी है की आज भी सटीक साबित होती है. आचार्य एक राजनीतिज्ञ के अलावा एक समाजशास्त्री भी माने जाते हैं, क्योंकि वे आजीवन लोगों की मदद भी करते रहे. इतना ही नहीं उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में लोगों को धर्म का मार्ग भी दिखाया.

इस दौरान उन्होंने एक ऐसे ग्रंथ की, जिसमें जीवन को सुखी बनाने के लिए कई अहम बातों का जिक्र किया गया. इस ग्रंथ को चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता है. इसके जरिए जीवन में आए उतार-चढ़ाव को आसानी से पार किया जा सकता है.

तो चलिए हम आपको चाणक्य के कुछ श्लोकों के बारे में बताएँगे, जिन्हें सुखी जीवन और सफलता की कुंजी तक माना जाता है. ये श्लोक जीवन को बेहतर ढंग से समझने में भी मददगार हैं. जानें इनके बारे में




आपदर्थे धनं रक्षेद्दारान् रक्षेध्दनैरपि ।

नआत्मानं सततं रक्षेद्दारैरपि धनैरपि ।।

चाणक्य के इस श्लोक में बचत का जिक्र किया गया है. इसके अनुसार मुसीबतों से लड़ने में धन की भूमिका अहम रहती है, ऐसे में इसकी बचत करना बहुत जरूरी है. चाणक्य नीति कहती है कि बचत वो जरिया है जो कहीं न कहीं खोई हुई किस्मत को जगाने का काम करता है. मुसीबतें कभी बोलकर नहीं आती ऐसे में बुरे समय को झेलने के लिए अपने पास धन का होना जरूरी है.

अधीत्येदं यथाशास्त्रं नरो जानाति सत्तमः ।

धर्मोपदेशं विख्यातं कार्याऽकार्य शुभाऽशुभम् ।।

चाणक्य के इस श्लोक में कहीं न कहीं शिक्षा का महत्व बताया गया है. इसका अर्थ है कि जो व्यक्ति शास्त्रों के नियमों का निरंतर अभ्यास करता है उसे सही-गलत की समझ आने लगती है. इस तरह के व्यक्ति के पास ज्ञान का भंडार होता है. जीवन में शिक्षा एक जरिया है, जो सफलता से लेकर घर में खुशियों हर चीज का रास्त बन सकता है.

जानीयात् प्रेषणे भृत्यान् बान्धवान् व्यसनागमे ।

मित्रं चापत्तिकाले तु भार्यां च विभवक्षये ।।

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