Indian News : हिंदू धर्म में कार्तिक मास की पूर्णिमा का खास महत्व है. इस दिन को देव दीवाली के तौर पर भी मनाया जाता है. इस साल देव दीपावली 07 नवंबर को यानि आज मनाई जाएगी.
हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को देव दिवाली का पर्व मनाया जाता है. यह दीपावली के ठीक 15 दिन बाद मनाई जाती है. लेकिन इस साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन 8 नवंबर को चंद्र ग्रहण पड़ने से देव दीपावली 1 दिन पहले 7 नवंबर को मनाई जाएगी. देव दिवाली का त्योहार खासतौर पर बनारस में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. लाखों लोग इस दिन दीपदान करते हैं. दरअसल, देव दिवाली के दिन गंगा नदी में दीपदान करने की परंपरा है. मान्यता है कि इस दिन देवता धरती पर आते हैं और काशी में दिवाली मनाते हैं. इसलिए इस पर्व को देव दीपावली कहा जाता है.
देव दीपावली शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार देव दिवाली कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाते हैं. जो कि इस साल 7 नवंबर 2022 की शाम 4 बजकर 15 मिनट से शुरू हो रही है और 8 नवंबर को शाम 4 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार 8 नवंबर को देव दिवाली मनाई जानी थी लेकिन इस दिन चंद्र ग्रहण होने से 7 नवंबर को देव दिवाली मनाई जाएगी. देव दीपावली के दिन शुभ मुहूर्त में दीपदान करना जीवन में अपार सुख-समृद्धि और सौभाग्य लाता है.
प्रदोष काल में दीपदान का मुहूर्त – शाम 05:14 बजे से 07:49 बजे तक
ऐसे करें देव दिवाली पर दीपदान
देव दिवाली के दिन सुबह जल्दी स्नान करें. फिर उगते सूर्य को अर्घ्य देकर माता तुलसी को जल चढ़ाएं. इसके बाद भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करें. फिर प्रदोष काल में 11, 21, 51 या 108 दीप पवित्र नदी में प्रवाहित करें. बेहतर होगा कि इसके लिए आटे के दीयों का उपयोग करें. दीपदान से पहले दीपकों पर हल्दी,कुमकुम, अक्षत छिड़कें.
दीपदान से हैं ढेरों लाभ
पौराणिक मान्यता है कि देव दिवाली यानी कार्तिक पूर्णिमा के दिन सारे देवी-देवता काशी के गंगा घाट पर स्नान करने के लिए आते हैं. इस दिन प्रदोष काल में दीपदान करने से शत्रु भय नहीं रहता है. साथ ही अपार सुख-समृद्धि और सौभाग्य मिलता है. साथ ही देव दिवाली पर दीपदान करने से यम, शनि, राहु-केतु के नकारात्मक असर से राहत मिलती है और मां लक्ष्मी की कृपा होती है.
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