Indian News : डेनमार्क अक्सर कहा जाता है कि घर में पले जानवरों का वक्त पर टीकाकरण बहुत ज़रूरी होता है. 33 साल के हेनरिक को उनके घर में ही पली बिल्लियों में से किसी एक ने काटा था, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि यही उनकी मौत की वजह बन जाएगी. 15 ऑपरेशन मिलकर भी उन्हें दर्दनाक मौत से नहीं बचा पाए. डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें एक महीने तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई |

बता दे कि इस बिमारी की वजह से उंगली को काटने के बाद भी हेनरिक को राहत नहीं मिली. उनकी मां के मुताबिक इस घटना से हेनरिक का इम्यून सिस्टम बहुत खराब हो गया था. उन्हें निमोनिया, गठिया और डायबिटीज़ हो गया और आखिरकार इसी साल अक्टूबर में हेनरिक की मौत हो गई. दरअसल बिल्ली के काटने से वे मांस खाने वाले बैक्टीरिया से संक्रमित हो गए थे. हेनरिक की पत्नी के मुताबिक उनके पति की मौत तिल-तिलकर हुई है, ऐसे में किसी को भी बिल्ली के काटने की घटना हल्के में नहीं लेनी चाहिए, ये जानलेवा हो सकती है |

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