Indian News : प्रदेश में अब हर नए कोविड पॉजिटिव व्यक्ति के सैंपल का जीनोम टेस्ट कराया जाएगा। टेस्ट के लिए सैंपल भोपाल के एम्स और ग्वालियर स्थित रक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला (डीआरडीओ) भेजे जाएंगे। राज्य सरकार ने यह फैसला बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से देशभर में कोविड के संक्रमण का अलर्ट जारी होने के बाद लिया है। इसकी पुष्टि स्वास्थ्य संचालनालय के एक सीनियर अफसर ने की है।

स्वास्थ्य संचालनालय के अफसरों ने बताया कि चीन में कोविड का संक्रमण जिस वैरिएंट BF.7 के कारण बढ़ा है। उस वैरिएंट का एक भी केस अब तक मध्यप्रदेश में नहीं है। मप्र में इसके संक्रमण को बढ़ने से पहले नियंत्रित करने के लिए कोरोना पॉजिटिव मरीजों के सैंपल्स की शत-प्रतिशत जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाएगी। जीनोम टेस्ट की रिपोर्ट आने तक कोविड संक्रमित मरीज को आइसोलेशन में रहना होगा। ताकि संबंधित संक्रमित मरीज से स्वस्थ व्यक्ति संक्रमित न हो।




बुधवार को अलग-अलग लैब से कोरोना के 71 सैंपल की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। यह सैंपल सोमवार को जांच के लिए भेजे गए हैं। स्वास्थ्य संचालनालय की कोविड बुलेटिन रिपोर्ट के अनुसार सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षणों के साथ विभिन्न अस्पतालों में पहुंचे 71 मरीजों को डॉक्टर्स ने कोविड टेस्ट कराने की सलाह दी थी।

लैब से रिजेक्ट हुए तीन सैंपल

कोविड टेस्ट के लिए भेजे गए तीन सैंपल को अलग-अलग लैब के माइक्रोबायोलॉजिस्ट ने रिजेक्ट कर दिया है। इसकी वजह सैंपल का मानक स्तर का नहीं होना बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक संबंधित सैंपल, टेक्नीशियन और पैरामेडिकल स्टाफ ने कोरोना गाइडलाइन के मानकों के अनुरूप लिए थे, लेकिन सैंपल कलेक्शन सेंटर से लैब के बीच ट्रांसपोर्टेशन के दौरान संबंधित सैंपल खराब हो गए। अब तीनों की कोरोना संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच के लिए दोबारा लिए जाएंगे।

नए वैरिएंट के संक्रमण से बचने रहें सतर्क

पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. लोकेंद्र दवे ने बताया कि कोविड के नए वैरिएंट के संक्रमण से बचने के लिए बुजुर्ग और बच्चे (12 साल से कम उम्र के) सतर्क रहना पड़ेगा। दोनों श्रेणी के लोग कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें। उन्होंने बताया कि बच्चों को अब तक कोरोना की कोई भी वैक्सीन नहीं लगी है। न ही इस उम्र में समूह के बच्चों का कोविड एक्सपोजर हुआ है। वहीं बुजुर्गों को कोविड वैक्सीन का बूस्टर डोज भी लग चुका है, लेकिन उनकी इम्यूनिटी युवाओं की तुलना में कमजोर है। इस कारण बच्चे और बुजुर्ग कोविड गाइडलाइन का पालन करें।

बुधवार को प्रदेश के 20 जिलों में 2021 लोगों को कोरोना वैक्सीन का बूस्टर डोज लगाया गया, जबकि 31 जिलों में एक भी व्यक्ति को वैक्सीन का बूस्टर डोज नहीं लग सका। इसकी वजह वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन लगवाने के लिए एक भी नए व्यक्ति का नहीं पहुंचना रहा। इसकी पुष्टि स्वास्थ्य संचालनालय की कोविड वैक्सीनेशन रिपोर्ट में हुआ है।

मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया ने सरकार से मांग की है कि 8 से 10 जनवरी तक इंदौर में होने वाली NRI समिट में आने वाले विदेशी नागरिकों की कोविड जांच कराई जाए। उन्हें 8 से 10 दिन तक क्वारैंटाइन में रखा जाए। जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही विदेशी नागरिकों को एनआरआई समिट में शामिल होने दिया जाए। डॉ. भूरिया ने बताया कि चीन और यूरोप के कई देशों में कोविड का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। पिछली बार भारत में जाे संक्रमण फैला था, वह विदेशों से आने वाले नागरिकों के कारण फैला था। इस कारण इंदौर और मध्यप्रदेश को कोरोना संक्रमण की चपेट में जाने से बचाने के लिए पुख्ता व्यवस्था करना चाहिए।

आपको बता दे कि दो दिन पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कांग्रेस नेता एवं पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को एक चिट्‌ठी लिखी थी। जिसमें कोविड के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर भारत जोड़ो यात्रा को स्थगित करने का सुझाव दिया था। साथ ही यात्रा के दौरान कोविड गाइडलाइन का पालन अनिवार्य रूप से कराने की बात कहीं थी।

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