Indian News : छत्तीसगढ़ के गोठानों में गोबर से बिजली उत्पादन यूनिट लगाने अब तक 5 युवा उद्यमियों ने सरकार के साथ एमओयू किया है। प्रत्येक प्रोजेक्ट में 10-10 करोड़ रुपये यानी 50 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। बिजली उत्पादन के लिए गोठानों में खरीदी गए गोबर का उपयोग किया जाएगा। इस योजना के बाद निजी डेयरी फार्म के गोबर एवं शहर में एकत्र होने वाले वेस्टेज का भी उपयोग बिजली उत्पादन में किया जाएगा।
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे की अध्यक्षता में महानदी मंत्रालय भवन में आयोजित गोधन न्याय मिशन की पहली बैठक में अफसरों ने यह जानकारी दी। मंत्री चौबे ने कहा कि गोधन न्याय योजना के तहत गोठानों में रोजगार की गतिविधियों का विस्तार सीएम भूपेश बघेल की मंशा है। गोठानों को आजीविका केंद्र के रूप में विकसित करने की जरूरत है। सीएम के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने कहा कि गोठानों के रूरल इंडस्ट्रियल पार्क से युवा उद्यमियों को जोड़ा जाना चाहिए, ताकि ग्रामीण उद्योग को बढ़ावा मिले और गांव के युवाओं को रोजगार मिल सके।
मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा कि यह निर्धारित किया जाना चाहिए कि किस सामग्री का कितना प्रोडक्शन गोठानों के माध्यम से किया जाना है, ताकि मार्केटिंग एवं विक्रय की योजना बनाई जा सके। बता दें कि अभी बेमेतरा जिले के राखी गोठान, दुर्ग जिले के सिकोला तथा रायपुर जिले के बनचरौदा में गोबर से बिजली उत्पादन शुरू हो चुका है।
गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. एस. भारतीदासन ने बताया कि योजना के तहत 11.56 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट प्रस्तावित किया गया है। राज्य में अब तक 10,591 गोठान से स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें से 8,048 गोठान संचालित हैं। गोबर खरीदी के लिए 2.87 लाख ग्रामीण पशुपालक पंजीकृत हैं, जिसमें से 2.04 लाख हितग्राहियों से गोबर की खरीदी हो रही है। 62.60 लाख क्विंटल गोबर खरीदी के एवज में 125.22 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। गोठानों से 11,477 महिला समूह जुड़े हैं। महिला समूहों को अब तक 51.53 लाख रुपये की आय हुई है। गोठानों में 868 प्रसंस्करण इकाई स्थापित की जा चुकी है। गोठानों में 15.30 लाख क्विंटल कम्पोस्ट का उत्पादन तथा 9.41 लाख क्विंटल का विक्रय किया गया है।
गोठानों की गतिविधियों की मॉनिटरिंग के लिए जी-मैप एप्प तैयार किया गया है। 4043 गोठानों में मल्टीएक्टिविटी संचालित है, जिसके अंतर्गत कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र सहित प्रसंस्कृत उत्पाद, यूटीलिटी प्रोडक्ट्स, हस्तशिल्प, विशिष्ट एवं अन्य उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। बैठक में कार्बन क्रेडिट परियोजना, पैरादान एवं चारा उत्पादन के बारे में भी जानकारी दी गई। ग्रामीण औद्योगिक पार्क के तहत गोठानों में 152 तेल मिल, 173 दाल मिल, 105 ऑटा मिल, 973 मिनी राइस मिल तथा 144 अन्य मिलों सहित कुल 1547 यूनिट लगाने की योजना पर काम चल रहा है। 868 यूनिट शुरू भी हो चुके हैं।
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