Indian News : भिलाई | जन संस्कृति मंच दुर्ग-भिलाई ईकाई और हिंदी विभाग, कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय के संयुक्त प्रयास से 10 नवंबर 2024 को कल्याण कॉलेज के सभागार में युवा कवि अंजन कुमार के काव्य संग्रह ‘स्वप्न में डूबी एक नाव’ पर कृति चर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अंजन कुमार सहित जयप्रकाश नायर और सुलेमान खान ने संग्रह की प्रमुख कविताओं का पाठ किया, जिससे श्रोतागण कविताओं की गहराई में डूब सके। इस मौके पर कई प्रतिष्ठित साहित्यकार, कवि और समीक्षक मौजूद रहे।

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रजत कृष्ण का आलेख और कविताओं की गहराई


चर्चित कवि रजत कृष्ण के आलेख का पाठ सुबोध देवांगन ने किया। रजत कृष्ण ने अपने लेख में अंजन कुमार की कविताओं को समकालीन समय की सच्ची अभिव्यक्ति बताया। उन्होंने लिखा कि अंजन की कविताओं में कम शब्दों में गहरी संवेदना और भावनाओं की अभिव्यक्ति है। उनके यहां बेशुमार विषय हैं, जो पाठकों को सीधे तौर पर जोड़ते हैं। रजत कृष्ण के अनुसार, अंजन कुमार का यह संग्रह अपने समय के सामाजिक यथार्थ को उकेरता है।

समीक्षकों की नजर में काव्य संग्रह की अहमियत


युवा समीक्षक इंद्रकुमार राठौर ने कहा कि अंजन कुमार की कविताएं समकालीन दौर के कठिन समय में श्रम, संघर्ष और सौंदर्य की महत्वपूर्ण व्याख्या प्रस्तुत करती हैं। कवि घनश्याम त्रिपाठी ने इस संग्रह में छोटे-छोटे विषयों पर लिखी गई कविताओं की विविधता की तारीफ की और उनकी कविताओं के बिंबों की गहराई को सराहा। उन्होंने कहा कि इनकी कविताएं पाठकों को सोचने-समझने का स्पेस देती हैं और भावनात्मक स्तर पर जोड़ने में सक्षम हैं।




प्रेम, सौंदर्य और श्रम का अद्वितीय संयोजन


कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ साहित्यकारों ने कविताओं में प्रेम, सौंदर्य और श्रम के अनोखे संयोजन को रेखांकित किया। कथाकार कैलाश बनवासी ने कहा कि अंजन की प्रेम कविताएं कोमलता और संवेदनशीलता का अद्भुत मिश्रण हैं, जो कठिन समय में भी पाठकों के मन को शांति देती हैं। वरिष्ठ कवि नासिर अहमद सिकंदर ने अंजन की कविताओं को छत्तीसगढ़ की हिंदी काव्य परंपरा का उत्कृष्ट उदाहरण बताया।

प्रख्यात आलोचक जय प्रकाश का अध्यक्षीय वक्तव्य


कार्यक्रम के अध्यक्ष और आलोचक जय प्रकाश ने अंजन के संग्रह को समय के विभीषिकाओं के बीच प्रेम और सौंदर्य का अद्वितीय सृजन बताया। उन्होंने कहा कि अंजन की कविताएं अपनी ऐन्द्रियता और गहरे भाव से पाठकों के मन में उतरी हैं। जय प्रकाश के अनुसार, यह संग्रह ऐसे समय में प्रकाशित हुआ है जब समाज अनेक संकटों से जूझ रहा है। इस कठिन दौर में अंजन की कविताएं पाठकों को एक नई उम्मीद और दृष्टि प्रदान करती हैं। कार्यक्रम का संचालन अशोक तिवारी और आभार प्रदर्शन सुरेश वाहने ने किया। कार्यक्रम में डॉ, शंकर मुनि राय, अंशुल तिवारी, साक्षी तिवारी, विजय वर्तमान, आर. एन. सुनगरया, दिनेश सोलंकी, मानिकलाल वर्मा, शुचि ‘भवि‘, रजनीश उमरे, राजकुमार सोनी, जयप्रकाश नायर, सुलेमान खान, सतीश चौहान, देवाशीष राय, एन. पापा राव, विद्याभूषण, राकेश यादव, वासुदेव वर्मा, अविनाश तिवारी, शैलेश साहू, नीलम सिंह, के. राजू, टी. लक्ष्मण मूर्ति, सुबोध देवांगन, ओम कुमारी देवांगन, रियाज खान, डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी, प्रतीक शर्मा, गिरधारी लाल वर्मा, अंजली भटनागर, बिमला नायक, उमा महेश्वरी, अनिल कुमार जंगेल, निमाई प्रधान, सरिता, पूरण, जय केसर, घनश्याम, योगेश तारक, सुमित कुजूर, रामकुमार, बंजारे, संग्राम सिंह निराला, तरुण कुमार, टेकराम, नीरज कुमार वर्मा, टिकेंद्र कुमार यदु, प्रणव शर्मा, टेकराम नेताम, युगेश कुमार देशमुख, गुलशन कुमार, कैलाश प्रसाद ठाकुर, सुधांशु रंजन, अजय कुंजाम, मनमोहन तिवारी, डॉ. मांगी लाल यादव, कपिल सूर्यवंशी, टेकलाल, श्रीमती रंजनी मड़ावी, संतोष बंजारा, रजनी पटेल, रशीद अली, सूरज सिंह आदि बड़ी संख्या लोग उपस्थित थे।

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