Indian News : दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी दिवस के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए हिंदी भाषा के महत्व पर जोर दिया और इसे सभी भारतीय भाषाओं को जोड़ने की शक्ति का स्रोत बताया। उन्होंने विशेष रूप से नई शिक्षा नीति में ‘प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में’ को महत्वपूर्ण स्थान देने की तारीफ की।
हिंदी की ऐतिहासिक भूमिका : अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदी के आंदोलन के प्रमुख नेता जैसे राजगोपालाचारी, महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, लाला लाजपत राय, और सरदार वल्लभभाई पटेल सभी गैर-हिंदी भाषी क्षेत्रों से थे। यह दर्शाता है कि हिंदी ने स्वतंत्रता संग्राम और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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नई शिक्षा नीति का महत्व : गृह मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई शिक्षा नीति का समर्थन करते हुए कहा कि इसमें ‘प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में’ को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। यह निर्णय स्थानीय भाषाओं और हिंदी को नया जीवन देने का काम करेगा। अमित शाह ने इसे शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सुधार बताया, जो बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगा।
हिंदी का सांस्कृतिक महत्व : अमित शाह ने हिंदी को सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बताते हुए कहा कि हिंदी हमारी सभी भाषाओं को जोड़ने का कार्य करती है। उन्होंने हिंदी के माध्यम से भारतीय संस्कृति और एकता को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। हिंदी, भारतीय समाज की विविधता को समझने और एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
भविष्य की दिशा : गृह मंत्री ने कहा कि हिंदी को प्रोत्साहित करने के प्रयासों को जारी रखना चाहिए ताकि यह भाषा और भी सशक्त हो सके। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे हिंदी को अपनाएं और इसे अपनी दैनिक जिंदगी का हिस्सा बनाएं, जिससे इसे और भी व्यापक मान्यता मिल सके।
सारांश : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का हिंदी दिवस पर दिया गया संबोधन हिंदी की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्वता को उजागर करता है। उन्होंने नई शिक्षा नीति के तहत मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा को समर्थन दिया और हिंदी को भारतीय भाषाओं की एकता का आधार बताया।
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