Indian News : दुनिया में करोड़ों जीव-जंतु हैं, लेकिन हम इनमें से कुछ को ही जानते हैं. हमारे आस-पास जो जीव-जंतु मिलते हैं, उनकी अपनी खूबियां होती हैं. कुछ जीव अंगों के कटने के बाद दोबारा इसे विकसित कर लेते हैं तो कुछ जीव ऐसे भी होते हैं, जो ऐसा नहीं कर पाते हैं. छिपकली को आपने पूंछ कटने के बाद दोबारा विकसित करते हुए देखा होगा, लेकिन आज हम आपको ऐसे जीव के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने दिल, दिमाग, रीढ़ की हड्डी और पैर भी विकसित कर सकता है.

ये जीव है -एक्सोलोल (Axolotl), जिसकी खोज वैज्ञानिकों ने सा 1964 में ही की थी. रिसर्च के मुताबिक एक्सोलोल (Axolotl) नाम का जीव अपने दिमाग की कोशिकाएं दोबारा विकसित कर सकता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक ऐसा कर पाना वाकई आश्चर्यजनक बात है क्योंकि ये क्षमता किसी और जीव में नहीं पाई जाती.

अध्‍ययन में ये बात सामने आई है कि इस जीव में दिमाग की कोशिकाओं को दोबारा विकसित करने की भी क्षमता है. एक्सोलोल (Axolotl) ऐसा कैसे कर पाता है, इसे लेकर RNA सीक्‍वेंसिंग के ज़रिये स्टडी की गई, ताकि उन जींस को समझा जा सके, जो उसे ऐसा करने में मदद देते हैं. चौंकाने वाली बात है कि इसके दिमाग की कोशिकाएं भी अलग-अलग तरह से काम करती हैं, यही वजह है कि इसकी दिमागी क्षमता कम नहीं होती. इस जीव के दिमाग के सबसे बड़े हिस्से टेलेनसिफेलॉन पर भी रिसर्च की गई. उसके दिमाग के इस हिस्से को बाहर निकाल दिया गया. लेकिन 12 हफ्ते के अंदर ही वो फिर से डेवलेप हो गया.




वैज्ञानिकों के मुताबिक किसी भी जीव का अंगों को विकसित करना उसकी विशेषता हो सकती है, लेकिन दिमाग को दोबारा विकसित कर पाना बड़ी बात है. ये जीव ज़िंदगी भर न्यूरॉन्स को विकसित करता रहता है. स्टडी बताती है कि शरीर का कोई भी अंग खराब होने पर ये जीव सबसे पहले प्रोजेनेटर कोशिकाओं की संख्या को तेज़ी से बढ़ाता, जिससे उस डैमेज को भर लिया जाता है और न्यूरॉन्स की संख्या बढ़ जाती है.

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