Indian News : नईदिल्ली । सिम कार्ड के जरिए वित्तीय धोखाधड़ी की घटनाओं में बढ़ोतरी के बाद दूरसंचार विभाग ने सख्ती का रूख अपनाया है। विभाग ने खोने या खराब होने पर सिम कार्ड के बदलने से जुड़ी गाइडलाइंस बनाने पर काम शुरू कर दिया है। इस संबंध में विभाग ने बीते सप्ताह दूरसंचार कंपनियों के साथ बैठक की और उनसे सिम कार्ड बदलने (सिम स्वैप) को लेकर सुझाव मांगे।

बैठक में सिम कार्ड के गलत इस्तेमाल को रोकने पर भी चर्चा हुई। मौजूदा व्यवस्था के तहत जब कोई सिम कार्ड खराब या चोरी हो जाता है तो ग्राहक दूरसंचार कंपनी से बदलने का आग्रह करता है। उचित सत्यापन के बाद कंपनी ग्राहक को नया सिम कार्ड दे देती है, लेकिन कई बार धोखेबाज दूरसंचार कंपनी के पास फर्जी दस्तावेज जमा करके गैरकानूनी तरीके से नया सिम कार्ड ले लेते हैं और संबंधि व्यक्ति के खाते से पैसा चुरा लेते हैं।

अगले सप्ताह भी होगी बैठक: जानकारी के अनुसार, दूरसंचार विभाग ने सिम बदलने को लेकर कंपनियों से सुझाव मांगे हैं जिनके आधार पर गाइडलाइंस तैयार की जा सकें। इसको लेकर अगले सप्ताह भी दूरसंचार विभाग की कंपनियों के साथ बैठक होनी है। इन गाइडलाइंस को तैयार करने का मुख्य मकसद यह है कि धोखेबाजों के बजाए वास्तविक ग्राहक को सिम बदलने की सुविधा मिले।




ऐसे की जाती है धोखाबाजी – धोखेबाज सबसे पहले फिशिंग या अन्य तरीके से संबंधित व्यक्ति के बैंक खाता और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर की जानकारी जुटाते हैं। इसके बाद फर्जी दस्तावेजों के जरिए दूरसंचार कंपनी से सिम कार्ड को बंद करने का आग्रह किया जाता है। सत्यापन के बाद दूरसंचार कंपनी असली सिम को बंद करके धोखेबाजों को नया सिम कार्ड दे देती है।

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