Indian News : देश के दूसरे बड़े रईस अरबपति गौतम अडानी अब ब्रांडेड चावल पेश करने की तैयारी में हैं। दरअसल, अडानी समूह की कंपनी अडानी विल्मर आटा और चावल जैसे प्रमुख खाद्य पदार्थों पर जोर दे रही है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अडानी विल्मर अब कई राज्यों में क्षेत्रीय चावल ब्रांडों और प्रोसेसिंग यूनिट के अधिग्रहण की तलाश में है।

बंगाल में पहला अधिग्रहण : पीटीआई ने कंपनी के एक अधिकारी के हवाले से लिखा है कि अडानी विल्मर फार्च्यून ब्रांड के तहत ब्रांडेड चावल पेश करेगी। इसकी शुरुआत पश्चिम बंगाल से अप्रैल में होगी। अडानी विल्मर ने पश्चिम बंगाल में रुग्ण चावल प्रोसेसिंग यूनिट का अधिग्रहण कर इस क्षेत्र में कदम बढ़ाया है। इस क्षेत्र का आकार तीन से 3.5 करोड़ टन सालाना है।

ये है पूरी योजना : कंपनी के एमडी और सीईओ अंगशू मलिक ने कहा, ”हम दैनिक उपयोग वाले चावल सेग्मेंट में तेजी से बढ़ने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। इसका बाजार राशन की दुकानों के जरिये खाद्यान्न वितरण के अलावा प्रतिवर्ष 3.0 से 3.5 करोड़ टन है। हम तेजी से विकास के लिए कई राज्यों में ब्रांड और चावल प्रोसेसिंग यूनिट के अधिग्रहण की तलाश में हैं।”

उन्होंने कहा कि अधिग्रहण से ग्रोथ आएगी जबकि नई परियोजनाओं के परिचालन में आने में कम-से-कम दो साल का समय लगता है। मलिक ने कहा, ”हम पहले से ही बासमती चावल में हैं, लेकिन यह चावल की खपत का केवल 10 प्रतिशत है। इसलिए हम दैनिक खपत के लिए उपयोग किए जाने वाले क्षेत्रीय स्थानीय चावल की उपेक्षा नहीं कर सकते हैं। इस सेग्मेंट में काफी अवसर है।”

उन्होंने कहा, ”हम क्षेत्रीय पसंद के आधार पर पैकेटबंद स्थानीय चावल पेश करेंगे। बंगाल में हम बांसकाटी और मिनिकेट चावल पेश करेंगे जो यहां आम लोगों में चर्चित है। उत्तर प्रदेश में सोना मसूरी और दक्षिण भारत में कोलम चावल लोकप्रिय है।”

हाल में आईपीओ लाने वाली कंपनी अडानी विल्मर ने अधिग्रहण के लिये 450 से 500 करोड़ रुपये का निर्धारण किया है। खाद्य श्रेणी में आटा और चावल पर उसका प्रमुख रूप से जोर है। इस बीच, बुधवार को अडानी विल्मर का शेयर भाव मामूली बढ़त के साथ बीएसई इंडेक्स पर 397 रुपए पर बंद हुआ है।

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