Indian News : वॉशिंगटन: अमेरिकी वायु सेना (US Air Force Planes) का नया नॉर्थ्रोप ग्रूमैन बी-21 रायडर स्टील्थ बॉम्बर (Northrop Grumman B-21 Raider) पहली उड़ान भरने को लगभग तैयार है। इस साल के अंत तक छह बी-21 रायडर बॉम्बर (B-21 Raider) अमेरिकी वायु सेना को सौंप दिए जाएंगे। बड़ी संभावना है कि इस साल के अंत तक ये नए बॉम्बर आसमान में उड़ते दिखाई देने लगेंगे। रूस से तनाव के बीच बॉम्बर्स के बेड़े में बी-21 रायडर (B-21 Bomber) के शामिल होने से अमेरिकी वायु सेना की सामरिक शक्ति में जबरदस्त इजाफा होने वाला है। अमेरिका का दावा है कि इस विमान को रूस का एस-400 मिसाइल सिस्टम (S-400 Missile System) भी डिटेक्ट नहीं कर पाएगा। अमेरिकी वायु सेना ने इस बॉम्बर के पहले उड़ान परीक्षण के लिए दो अलग-अलग फ्लाइंग विंग भी स्थापित कर दिए हैं। बी-21 बॉम्बर अमेरिकी वायु सेना के बी-2 बॉम्बर को रिप्लेस करने जा रहा है। हालांकि, फाइनल ऑपरेशन क्लियरेंस मिलने तक पुराने पड़ रहे बी-2 बॉम्बर्स को रिटायर नहीं किया जाएगा।

बी-21 की इस साल के अंत तक पहली उड़ान संभव

इसी महीने न्यूक्लियर डेटरेंस समिट 2022 में बोलते हुए मेजर जनरल जेसन आर्मगोस्ट ने कहा कि नए बी-21 बॉम्बर के इसी साल के अंत तक पहली बार उड़ान भरने की संभावना है। हालांकि, उन्होंने इस नए विमान के उड़ान परीक्षणों को लेकर कोई सटीक तारीख नहीं बताई। फिर भी उनका बयान अमेरिकी वायु सेना के कई दूसरे अधिकारियों के बयान से मेल खा रहा है। आर्मागोस्ट ने यह भी कहा कि बी -21 के डेवलपमेंट को डिजिटल मॉडल बेस्ड सिस्टम इंजीनियरिंग के साथ डिजिटल तकनीकों का उपयोग करके तेज किया गया था। इस बॉम्बर के डेवलपमेंट से जुड़ी सभी टीमें डिजाइन, निर्माण और परीक्षण करने के लिए एक साथ काम कर रही हैं।

बी-52, बी-1 और बी-2 की जगह लेगा यह नया बॉम्बर

बी-21 एक नया हाई-टेक बॉम्बर है। इसे अमेरिकी वायु सेना के बी-52, बी-1 और बी-2 बॉम्बर के पुराने बेड़े को बदलने के लिए बनाया जा रहा है। इन बॉम्बर्स को अमेरिका ने 30 साल पहले डिजाइन किया गया था। अमेरिका के पुराने बॉम्बर्स की तरह यह भी लंबी दूरी तक परमाणु बमों और पारंपरिक बमों के साथ हमला करने में सक्षम है। यह अमेरिका के न्यूक्लिर ट्रॉयड का भी हिस्सा है। जल-थल और नभ से परमाणु हमला करने की क्षमता को न्यूक्लिर ट्रॉयड कहा जाता है। इस श्रेणी में दुनिया के चुनिंदा देश ही शामिल हैं, जिसमें अमेरिका, भारत, चीन, रूस और फ्रांस शामिल हैं। दावा किया जाता है कि इजरायल भी न्यूक्लिर ट्रॉयड में शामिल है, लेकिन उसने कभी भी खुलकर खुद को परमाणु शक्ति तक नहीं स्वीकार किया है

कैलिफोर्निया के एडवर्ड्स एयरफोर्स बेस पर होगा टेस्ट

अमेरिका का नया बी-21 रायडर देखने में बी-2 स्पिरिट जैसा ही होगा। हालांकि, इसमें कई ऐसे फीचर दिए गए हैं, जो अत्याधुनिक और स्टेट ऑफ ऑर्ट फैसिलिटी से लैस हैं। अमेरिकी वायु सेना के रैपिड कैपेबिलिटीज ऑफिस (आरसीओ) के डॉयरेक्टर रान्डेल जी वाल्डेन ने कहा है कि 2022 की शुरुआत में नॉर्थरोप ग्रुम्मन कॉरपोरेशन कैलिफोर्निया के पामडेला में इंजन रन, टैक्सी टेस्ट और अन्य आवश्यक ग्राउंड फैसिलिटी को विकसित कर लेगा। इसके कुछ महीने बाद ही बी-21 बॉम्बर की पहली उड़ान को आयोजित किया जाएगा। इसे कैलिफोर्निया के एडवर्ड्स एयरफोर्स बेस पर टेस्ट करने की तैयारी की जा रही है। जिसके बाद 420 वें फ्लाइट टेस्ट स्क्वाड्रन इस विमान को व्यापक परीक्षणों के लिए टेकओवर कर लेगा।

परमाणु हमला करने में सक्षम है यह बॉम्बर

बी-21 रायडर पारंपरिक हथियारों के साथ परमाणु बमों के साथ भी हमला करने में सक्षम होगा। इसमें लॉकहीड मार्टिन के एवियॉनिक्स, एपेरचर्स और एफ -35 में लगे कुछ सेंसर्स का भी इस्तेमाल किया जाएगा। बी-21 बॉम्बर अपने साथ 13607 किलोग्राम तक के पेलोड को लेकर उड़ान भरने में सक्षम होगा। इसमें एक बड़ा हिस्सा इंटरनल फ्यूल का होगा। जबकि, बाकी बचा हिस्से में बम और मिसाइलें लगी होंगी।

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