Indian News : जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के केंद्र के फैसले को सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ ने सही ठहराते हुए फैसला दिया कि जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार द्वारा 5 सितंबर 2019 को लिया गया फैसला सही था और यह बरकरार रहेगा. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि सितंबर 2024 तक राज्य में चुनाव कराया जाए.

डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद का कहना है, “हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश हैं.’ सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को संवैधानिक रूप से वैध ठहराया.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने को संवैधानिक रूप से वैध ठहराने पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और महाराजा हरि सिंह के बेटे करण सिंह ने कहा, “जम्मू-कश्मीर में लोगों का एक वर्ग जो इस फैसले से खुश नहीं होगा, मेरी ईमानदार सलाह है कि फैसले को स्वीकार करें और उन्हें इस तथ्य को स्वीकार करना चाहिए कि अब यह किया जा चुका है और सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई को बरकरार रखा है और इसलिए अब अनावश्यक रूप से दीवार पर सिर मारने का कोई मतलब नहीं है. अब मेरा सुझाव यह है कि उन्हें अपनी ऊर्जा अगले चुनाव की लड़ाई में लगानी चाहिए.




अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘निराश हूं लेकिन हताश नहीं हूं. संघर्ष जारी रहेगा. यहां तक ​​पहुंचने में बीजेपी को दशकों लग गए. हम लंबी दौड़ के लिए भी तैयार हैं.’

सु्प्रीम कोर्ट ने चुनाव कराने का दिया निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 30 सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘हम निर्देश देते हैं कि कदम उठाए जाएं ताकि सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर की विधान सभा में चुनाव हों और राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए.’

सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ की टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ ने क्या-क्या कहा


लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के फैसले पर संविधान पीठ की मुहर.
जम्मू-कश्मीर में सितंबर 2024 तक हो विधानसभा चुनाव.
जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्ज जल्द बहाल हो.
आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला बरकरार रहेगा.

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना अन्य जजों के फैसले से हुए सहमत

संविधान पीठ में शामिल न्यायमूर्ति संजीव खन्ना अपना निर्णय देते हुए अन्य न्यायाधीशों से सहमत हुए. संविधान पीठ ने जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखने का फैसला लिया है.

जस्टिस एसके कौल ने कहा- जो कुछ हुआ वह हुआ

जम्मू कश्मीर से 370 हटाए जाने के फैसले के खिलाफ याचिका पर फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति एसके कौल ने यह कहते हुए अपना निष्कर्ष पूरा किया कि जो कुछ हुआ वह हुआ, लेकिन भविष्य हमें देखना है. न्यायमूर्ति एसके कौल ने कहा कि “विद्रोहों के कारण आबादी के एक हिस्से का पलायन हुआ और स्थिति ऐसी थी कि सेना बुलानी पड़ी और देश को खतरों का सामना करना पड़ा.”

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जस्टिस एसके कौल पढ़ रहे हैं अपना फैसला

न्यायमूर्ति एसके कौल ने अपना फैसला पढ़ना शुरू किया और कहा कि उनके “निष्कर्ष लगभग समान हैं.” सीजेआई अपना फैसला पढ़कर सुना चुके हैं.

सीजेआई बोले- राष्ट्रपति के पास 370 खत्म करने का अधिकार

CJI ने कहा कि राष्ट्रपति को 370 रद्द करने का अधिकार है. विधानसभा भंग होने पर भी राष्ट्रपति के पास अधिकार कायम है. सीजेआई ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि युद्ध के हालात में 370 अंतरिम व्यवस्था थी. सीजेआई ने आर्टिकल 370 को हटाए जाने के फैसले के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए कहा कि आर्टिकल 370 अस्थायी प्रावधान है.CJI ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की यह दलील खारिज की कि राष्ट्रपति शासन के दौरान केंद्र द्वारा कोई अपरिवर्तनीय कार्रवाई नहीं की जा सकती.

डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि तीन फैसले होंगे

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि तीन फैसले होंगे. एक सीजेआई द्वारा, एक जस्टिस गवई और सूर्यकांत द्वारा. जस्टिस एसके कौल ने अस्थायी राय दी है. जबकि, जस्टिस संजीव खन्ना दोनों फैसलों से सहमत थे.

आर्टिकल 370 पर दो जजों की एक राय

सीजेआई ने फैसला पढ़ते हुए कहा, ‘जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस गवई का फैसला एक बताया गया है. वहीं जस्टिस खन्ना का फैसला अलग है.’

बीजेपी सांसदों ने संसद भवन में किया प्रदर्शन

धीरज साहू मामले में संसद भवन में गांधी प्रतिमा के सामने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में बीजेपी सांसदों ने प्रदर्शन की.

Article 370 Verdict

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सीजेआई ने यह भी कहा कि सितंबर 2024 तक सुप्रीम कोर्ट में चुनाव कराया जाए. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में कुल 22 याचिकाएं दायर की गई थीं, जिसपर लगातार 16 दिन तक मैराथन सुनवाई हुई थी. वहीं आज फैसले को लेकर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. सुरक्षाबलों को सख्त निर्देश दिए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ ने सुनवाई करने के बाद फैसला बहुत पहले ही सुरक्षित रख लिया था. सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई 11 दिसंबर की कॉज लिस्ट में कहा गया है कि चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ फैसला सुनाएगी.

SC ने 16 दिन की सुनवाई के बाद 5 सितंबर को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. वहीं आज राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल 2023 और जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम (संशोधन) बिल 2023 पेश करेंगे, ये दोनों बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुके हैं.

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