Indian News : प्रयागराज | ताजमहल में बंद पड़े 22 दरवाजे खोलने की मांग को लेकर लगाई गई याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। याचिका खारिज होने के बाद अब ये स्पष्ट हो गया है कि ताजमहल में बंद पड़े दरवाजे फिलहाल नहीं खोले जाएंगे। बता दें कि याचिकाकर्ता की ओर से ये दावा किया गया था कि ताजमहल के अंदर भगवान शंकर का मंदिर है।

हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

याचिकाकर्ता के वकील रुद्र विक्रम सिंह ने बताया कि लखनऊ बेंच का कहना है कि यह मामला न्यायिक नहीं बल्कि विवादास्पद है, आप इस पर डिबेट कर सकते हैं। हमारी 4 अपील थी, पहली फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई जाए, दूसरी बंद कमरों को खोला जाए, तीसरी इससे जुड़े एक्ट का पुनर्लेखन और चौथी बेसमेंट में बने वॉल जो बंद हैं उनकी स्टडी करने की इजाज़त दी जाए, इन चारों अपील को ख़ारिज किया गया है। हमें इसपर रिसर्च करने को कहा गया है हमारा अगला क़दम होगा कि हम हिस्ट्री अकादमी को अपरोच करें: रुद्र विक्रम सिंह, याचिकाकर्ता के वकील

आज अदालत में हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता रजनीश सिंह के वकील ने कहा कि देश के नागरिकों को ताजमहल के बारे में सच जानने की जरूरत है। याचिकाकर्ता ने कहा- मैं कई आरटीआई लगा चुका हूं. मुझे पता चला है कि कई कमरे बंद हैं और प्रशासन की ओर से बताया गया कि ऐसा सुरक्षा कारणों की वजह से किया गया है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में आज जस्टिस डीके उपाध्याय और सुभाष विद्यार्थी की बेंच ने मामले की सुनवाई की।

अगर कोई चीज ताजमहल में छिपाई गई, तो सबको जानने का हक है

याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि अगर कोई चीज ताजमहल में छिपाई गई है तो उसकी जानकारी जनता को होना चाहिए। वहीं वकील ने कहा कि मैंने औरंगजेब की एक चिट्ठी देखी है जो उसने अपने अब्बा को लिखी थी। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता अपनी याचिका तक ही सीमित रहे। आप दरवाजे खोलने के लिए आदेश मांग रहे हैं। आप एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की मांग कर रहे हैं। इस तरह आप कोर्ट का समय बर्बाद कर रहे हैं।

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