Indian News : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने देश भर में हो रहे दंगों को लेकर एक बड़ी टिप्पणी की है। RSS चीफ ने अमरावती के एक कार्यक्रम में कहा कि जिस समाज को हिंसा पसंद है, वो अपने अंतिम दिन गिन रहा है। भागवत ने ये भी कहा कि हिंसा से किसी को फायदा नहीं होता। सभी समुदायों को एक साथ मानवता की रक्षा करनी चाहिए।

भागवत का ये बयान पिछले दिनों रामनवमी और हनुमान जयंती के मौके पर देश के कई हिस्सों में हुई हिंसा के संदर्भ में देखा जा रहा है।

संत और समाज साथ होगा तो सरकार भी पीछे चलेगी




भागवत, कंवरराम धाम में संत कंवरराम के प्रपौत्र साईं राजलाल मोर्डिया के गद्दीनशीनी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें हिंसा त्यागने और शांति कायम करने वाला होना चाहिए। सभी समुदायों को मानवता की रक्षा का काम प्राथमिकता से करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जब संत और समाज एक साथ आ जाएगा तो सरकार को उनके पीछे चलना ही होगा।

सिंधी भाई सब कुछ पाकिस्तान में छोड़कर यहां आए

संजय शेरपुरिया द्वारा पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओ की पीड़ा पर लिखी गई किताब ‘मैं माधोभाई, एक पाकिस्तानी हिंदू’ का लोकार्पण करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने किया। उन्होंने पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं और पाकिस्तान से भारत आने वाले हिंदुओं की पीड़ा के बारे में कहा कि सिंधी समाज के लोग गंवाकर नहीं बल्कि सब कुछ छोड़कर आए हैं। और एक दिन भारत फिर से अखंड जरूर होगा।

उन्होंने आगे कहा कि कुछ सिंधी भाई अपने धर्म और जमीन की रक्षा के लिए पाकिस्तान में रुक गए थे और कई लोग जमीन न बचाकर अपने धर्म की रक्षा के लिए भारत आ गए। भागवत ने सिंधी समुदाय के देश के विकास में योगदान की तारीफ की।

केंद्र सरकार समाज के दबाव में काम करती है

भागवत ने यह भी कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार हो या कोई और सरकार, वो समाज के दबाव में ही काम करती है। पूरा समाज सिंधी यूनिवर्सिटी और अखंड भारत बनाने के लिए इच्छुक है। सिंधी संस्कृति और भाषा को बढ़ावा देने के लिए अलग यूनिवर्सिटी बनाने की जरूरत है। अगर आप सिंधी यूनिवर्सिटी के सपने को साकार होते देखना चाहते हैं, तो आपको मौजूदा मोदी सरकार पर दबाव बनाना होगा।

इस कार्यक्रम में जगद्गुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि अखंड भारत देश में सभी का सपना है और PM नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में ये सपना जरूर हकीकत बनेगा।

You cannot copy content of this page