Indian News : नई दिल्ली | संसद का बजट सत्र बुधवार से शुरू हो रहा है । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन से सत्र की शुरुआत होगी ।
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यह सत्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को सदन में अंतरिम बजट पेश करेंगी । लोकसभा चुनाव नजदीक होने के कारण नागरिकों को राहत मिलने की उम्मीद है ।
वहीं, 9 फरवरी तक चलने वाला सत्र हंगामेदार हो सकता है। विपक्ष सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेर सकती है। संसद में बजट सत्र से पहले सभी पार्टियों के नेताओं के साथ मंगलवार को सर्वदलीय बैठक हुई। जिसमें केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी दोनों सदनों के सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक की ।
आइये जानते है बजट का पूरा प्रोसेस :
1. सबसे पहले वित्त मंत्रालय एक सर्कुलर जारी कर सभी मंत्रालयों, राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों, स्वायत्त संस्थाओं को नए साल के लिए एस्टीमेट बनाने के लिए कहता है । उन्हें नए साल के लिए अनुमान देने के अलावा पिछले साल की खर्च और आमदनी का ब्योरा भी देना होता है ।
2. एस्टीमेट मिलने के बाद केंद्र सरकार के आला अफसर उसकी पड़ताल करते है । इस पर संबंधित मंत्रालयों और व्यय विभाग के अधिकारियों की गहन चर्चा होती है । इसके बाद आंकड़ों को सिफारिशों के साथ वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाता है ।
3. वित्त मंत्रालय सभी सिफारिशों पर गौर करने के बाद विभागों को उनके खर्च के लिए राजस्व का आवंटन करता है । राजस्व और आर्थिक मामलों का विभाग हालात को गहराई से समझने के लिए किसानों और छोटे कारोबारियों के प्रतिनिधियों और विदेशी संस्थागत निवेशकों से संपर्क करता है ।
4. प्री बजट मीटिंग में वित्त मंत्री संबंधित पक्षों के प्रस्ताव और मांगों को जानने के लिए उनसे मिलते हैं। इनमें राज्यों के प्रतिनिधि, बैंकर, कृषि विज्ञानी, अर्थशास्त्री और कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। प्री-बजट मीटिंग खत्म होने के बाद वित्त मंत्री सभी मांगों पर अंतिम फैसला लेते हैं। बजट को अंतिम रूप दिए जाने से पहले वित्त मंत्री प्रधानमंत्री से भी बात करते हैं।
5. बजट पेश होने से कुछ दिन पहले हलवा सेरेमनी होती है । एक बड़ी सी कड़ाई में तैयार किया जाने वाला हलवा वित्त मंत्रालय के स्टाफ में बांटा जाता है । इसी के साथ बजट की छपाई प्रक्रिया शुरू होती है । प्रक्रिया में लगे अधिकारी और सपोर्ट स्टाफ बजट पेश होने तक मंत्रालय में ही रहते हैं। इस वित्त वर्ष के बजट की प्रिंटिंग नहीं हुई और संसद सदस्यों को उसकी सॉफ्ट कॉपी दी गई।
6. वित्त मंत्री आम बजट को लोकसभा में पेश करते है । 2016 तक फरवरी के अंतिम दिन पेश होता था । 2017 से यह हर साल 1 फरवरी को पेश होने लगा है । इस साल पहली बार बजट के सभी दस्तावेज Union Budget मोबाइल पर उपलब्ध कराए गए ।
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