Indian News : ग्वालियर । इन दिनों बुलडोजर काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। लेकिन ये बुलडोजर घर तोड़ने और काम करने के अलावा खाना भी बनाता है तो यये बात जानकार आपको बड़ी हैरानी होगी। ऐसे ही मिक्शचर मशीन कांक्रीट को मिक्स करने का काम करती है। लेकिन अब ये मिक्सर मशीन रायते की बूंदी बनाने का काम कर रही है। इन दिनों खाना बनाने वाला बुल्डोजर और मिक्सर मशीन काफी चर्चा है। तो आइए आपको बताते है कि आखिर ऐसा क्या हुआ जिसकी वजह से बुलडोजर और मिक्सर मशीन को घर बनाने के जहग खाना बनाना पड़ा।
कंस्ट्रक्शन के लिए इस्तेमाल होने वाला बुलडोजर इन दिनों अपराधियों के घर-दुकान को तोड़ने-फोड़ने को लकेर चर्चा में है। लेकिन मध्य प्रदेश में बुलडोजर से कोई और ही काम कराया जा रहा है। अब इस पीले पंजे का इस्तेमाल हनुमान जी के भक्तों के लिए प्रसाद तैयार करने में किया जा रहा है। दरअसल, भिंड जिले के प्रसिद्ध दंदरौआ धाम में आयोजित विशाल भंडारे को तैयार करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया। रोजोना लाखों भक्तों के लिए जेसीबी मशईन और कांक्रीट मिक्सर खाना तैयार कर रहा है। इस काम के लिए 700 हलवाई और करीब 10 हजार स्वयंसेवक लगे हुए है।
बता दें कि दंदरौआ धाम पर इन दिनों ‘सियपिय’ मिलन समारोह का आयोजन किया गया है। जहां बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री दंदरौआ धाम पर हनुम्त कथा सुना रहे है। इस आयोजन में सम्मलित होने आ रहे लाखो श्रद्धालुओं के लिए भंडारे की व्यवस्था भी की गई है। ये भंडारा इतना विशाल है कि जिसने भी देखा वो देखकर चौंक गया। यहां 450 पुरुष और 250 महिलाएं भोजन की व्यवस्था में जुटे हुए है। इतना ही नहीं दोन समय का भोजन बनाने के लिए यहा हलवाई 2 शिफ्टों में काम कर रहे है। यहां सुबह 20 क्विंटल पोहा और 8 क्विंटल सूजा का इस्तेमाल मात्र सुबह के नाश्ते के लिए किया जाता है।
दंदरौआ धाम पर दो बड़े कड़ाहे एक बार में 20 क्विंटल आलू की सब्जी बनाई जा रही है। इतने बड़े कढ़ाह में से सब्जी निकालकर ट्रॉली में भरने के लिए जेसीबी मशीन का सहारा लिया जा रहा है। जेसीबी मशीन की मदद से सब्जी को ट्रॉली में भरकर श्रद्धालुओं को परोसने के लिए भेजा जा रहा है। इतना ही नहीं, मालपुओं का घोल तैयार करने के लिए सीमेंट-कंक्रीट मिक्सर का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही एक साथ 40 कढ़ाहियों पर भोजन तैयार किया जाता है। यहां भंडारे में प्रसाद ग्रहण करने वाले श्रद्धालु की संख्या लाखों में हैं, और उन्हें भोजन परोसने के लिए 10,000 स्वयंसेवक मौजूद हैं।
@indiannewsmpcg
Indian News