Indian News : बिलासपुर | दिवंगत नेता और प्रथम सीएम अजीत जोगी के साथ पार्टी छोड़ी और फिर अब भाजपा में है । यह कहानी है छत्तीसगढ़ के सबसे कद्दावर विधायकों में से एक धर्मजीत सिंह ठाकुर की। दो महीने पहले ही धर्मजीत सिंह ने भाजपा का दामन थामा था, जिसके बाद अब बीजेपी ने उन्हें तखतपुर से अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
आशंका जताई जा रही थी कि सीट बदलने और पार्टी में नए होने की वजह से उन्हें इस सीट पर मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। लेकिन खुद धर्मजीत सिंह आत्मविश्वास से भरे नजर आते है। धर्मजीत सिंह ने बताया कि इस बार वे प्रचंड मतों से जीतेंगे। पूर्व जेसीसी नेता ने कहा कि अगर उनका विरोध होना होता तो पहले होता लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं है।
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इस बार वे प्रचंड मतों से तखतपुर जीतेंगे। तखतपुर की जनता भय, अहंकार और भ्रष्टाचारी सरकार के खिलाफ खड़ी हो गई है। धर्मजीत सिंह को लेकर स्थानीय संगठन के भीतर रोष है या हर्ष और वह प्रचंड मतों से जीतेंगे या नहीं यह तो चुनावी नतीजों से साफ़ हो जाएगा लेकिन यह सच है कि धर्मजीत सिंह ने तखतपुर क्षेत्र के कई बड़े दावेदारों को सुपरसीड करते हुए टिकट हासिल करने में कामयाबी पाई है।
इनमे सबसे पहला नाम है हर्षिता पांडेय। हर्षिता पांडेय पूर्व विधायक मनहरण पांडेय की पुत्री है। डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में उन्हें लालबत्ती भी हासिल हुई थी जबकि पिछले विधानसभा में वह भाजपा की उम्मीदवार भी रही। 2018 के चुनाव में उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी रश्मि सिंह के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि तब वह तीसरे स्थान पर रही थी। रश्मि सिंह को जहां 32 फ़ीसदी से ज्यादा वोट हासिल हुए थे तो वही हर्षिता पर 28 प्रतिशत मतदाताओं ने अपना विश्वास जताया था।
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हर्षिता पांडेय को करीब 45622 वोट हासिल हुए थे।दावेदार के तौर पर यहाँ पूर्व विधायक राजू क्षत्री का नाम भी प्रमुखता से लिया जा रहा था। 2013 के चुनाव में उन्होंने तखतपुर से विधानसभा चुनाव जीता था। इस बार भी वह टिकट के कतार में थे। ठाकुर समाज से आने वाले राजू सिंह ने 2013 में कांग्रेस के आशीष सिंह को करीब 600 वोटों से पराजित किया था।
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