Indian News : नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. माना जाता है कि मां दुर्गा जिससे भी प्रसन्न होती हैं, उस पर खास कृपा करती हैं. यूं तो साल भर में चार नवरात्रि आती हैं लेकिन शारदीय और चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व होता है….
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को चैत्र नवरात्रि का त्योहार मनाया जाएगा. इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है. इस साल चैत्र नवरात्रि का त्योहार शनिवार, 2 अप्रैल 2022 से शुरू होगा और सोमवार, 11 अप्रैल 2022 को समाप्त होगा. मां दुर्गा को सुख, समृद्धि और धन की देवी माना जाता है।
नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरुपों की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है. जो भक्त पूरी श्रद्धा से मां दुर्गा की पूजा करता है उसे माता का खास आशीर्वाद प्राप्त होता है. चैत्र नवरात्रि आने में कुछ ही दिन बाकी है तो आइए जानते हैं। चैत्र नवरात्रि के दौरान घटस्थापना का शुभ मुहूर्त और वास्तु के उपाय-
चैत्र नवरात्रि 2022 शुभ मुहूर्त- चैत्र घटस्थापना शनिवार, अप्रैल 2, 2022 को।
चैत्र नवरात्रि घटस्थापना का मुहूर्त – सुबह 06 बजकर 22 मिनट से 08 बजकर 31 मिनट तक।
घटस्थापना का अभिजित मुहूर्त – 12 बजकर 08 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक।
घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर है.
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 01, 2022 को सुबह 11 बजकर 53 मिनट से शुरू।
प्रतिपदा तिथि समाप्त – अप्रैल 02, 2022 को सुबह 11 बजकर 58 मिनट तक।
चैत्र नवरात्रि वास्तु के उपाय- ज्योतिषी के मुताबिक, चैत्र नवरात्रि के दौरान वास्तु के कुछ उपाय करने से आपको सभी तरह की परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है. आइए जानते हैं वास्तु के इन उपायों के बारे में-
चैत्र नवरात्रि के दौरान घटस्थापना उत्तर या पूर्व दिशा में करना चाहिए. ऐसा करने से घर में सुख और समृद्धि आती है।
नवरात्रि के दौरान बहुत से लोग 9 दिनों तक घर में अखंड ज्योति जलाते हैं. इसे आप सिर्फ माता के ही आगे नहीं बल्कि घर में कहीं भी जला सकते हैं. ध्यान रहे कि अखंड ज्योति को हमेशा घर की आग्नेय कोण दिशा में रखा जाना चाहिए. 9 दिनों तक इस दिशा में अखंड ज्योति जलाने से घर में सकारात्मकता आती है साथ ही आपको शत्रुओं से छुटकारा मिलता है. ऐसा करने से शत्रु आपपर हावी नहीं होते. इससे घर में होने वाले कलह भी दूर होते हैं।
नवरात्रि के दौरान लोग घर में माता के पदचिह्न लगाते हैं. दिवाली पर भी यह ऐसा किया जाता है. लेकिन कई बार लोग इन्हें लगाते समय गलती कर देते हैं और इन पदचिह्नों को घर से बाहर की और जाते हुए लगाते हैं. यह काफी गलत माना जाता है. ऐसे में माता के पदचिह्नों को घर के अंदर आते हुए लगाना चाहिए. इससे आपके घर में धन का आगमन होगा।
अगर आप चाहते हैं कि हर जगह आपका मान-सम्मान किया जाए और आपका मन शांत रहे तो इसके लिए नवरात्रि के दौरान घर की उत्तर दिशा की तरह ओम का चिह्न बनाने से आपको काफी फायदा मिलेगा. ऐसा करने से आपके मान-सम्मान में बढ़ोतरी होगी और मन शांत और खुश रहेगा. आप नवरात्रि के बाद भी ओम के इस चिह्न को बनाए रख सकते हैं।
नवरात्रि के अष्टमी और नवमी तिथि पर 9 कन्याओं का पूजन किया जाता है. इन नौ कन्याओं को मां दुर्गा के 9 स्वरुपों के समान माना जाता है. ऐसे में इस साल अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन करते समय उन्हें दक्षिण दिशा की ओर बैठाएं. ऐसा करने से आपके घर में सकारात्मकता आती है और आपके मान-सम्मान में भी बढ़ोतरी होगी।