Indian News : छत्तीसगढ़ प्रगतिशील अनियमित कर्मचारी फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल प्रसाद साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम 2012 के नियम 13 के उप नियम (1) में 30 दिनों के अवकाश के स्थान पर 18 दिन किया जाना भेदभावपूर्ण एवं इससे नियुक्त कर्मचारियों के साथ अन्याय है | उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 7 लाख से अधिक अनियमित कर्मचारी है | जो न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 एवं छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम 2012 से अधिशासित होते है |

Read More>>>>CM विष्णुदेव साय का जशपुर दौरा आज, गिरी गोवर्धन पर्वत-तामामुंडा में सांस्कृतिक मंडप का करेंगे लोकार्पण | Chhattisgarh

विभिन्न अनियमित वर्ग जैसे संविदा, मानदेय, जॉबदर, आउटसोर्सिंग, ठेका, अंशकालीन के 4 लाख से अधिक कर्मचारी इस नियम के बदलाव से प्रभावित होंगे | इन वर्ग के कर्मचारियों को नियमित कर्मचारी से आधे से कम वेतन के अतिरिक्त अन्य सुविधा जैसे महंगाई भत्ता, प्रतिवर्ष वेतन वृद्धि, गृह भाडा भत्ता, समूह बीमा, चिकित्सा क्षतिपूर्ति, ग्रेजयूटी, पेंशन, अनुकंपा नियुक्ति जैसे सुविधा भी नहीं मिलता है | वही नियमित कर्मचारियों को वर्ष में 13 आकस्मिक, 3 ऐच्छिक, 30 दिन का अर्जित अवकाश मिलता है |




Indian News के WhatsApp Channel से जुड़े


छत्तीसगढ़ प्रगतिशील अनियमित कर्मचारी फेडरेशन माननीय मुख्यमंत्री से मांग करते है कि इस नियम में परिवर्तन न करते हुए उसे यथावत रखा जाए |

@indiannewsmpcg

Indian News

7415984153

You cannot copy content of this page