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बलरामपुर जिले में एक ऐसा जगह है जहां शिक्षक भी हैं और शिक्षक के लिए अतिरिक्त कक्ष भी कक्षाऐं भी हैं बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल ही नहीं
तो आखिर कैसे गढ़ेंगे अपने भविष्य साहब । आखिर में कहां बैठेंकर करेंगे अपने भविष्य के सपनों को साकार । ग्रामीण क्षेत्रों में कब होंगे स्कूल कब होंगे शिक्षित।
जबकी शहरी क्षेत्रों मे तरह तरह की स्कूल खोल रही है सरकार
बलरामपुर:- छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बलरामपुर जिले में प्रशासन की अनदेखी की वजह से प्राइमरी स्कूल के बच्चे प्रधान कक्ष के एक ही कमरे में पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चें बैठकर पढ़ने पर मजबूर हैं। इससे बच्चों को पढ़ने और शिक्षकों को पढ़ाने में अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामला बलरामपुर विकासखंड के कंडा ग्राम पंचायत के नगेसिया पारा का है। प्रशासन नहीं ले रहा है किसी प्रकार की कोई सूद। यहां स्कूल में उपस्थित शिक्षक ने बताया की 2006 से कक्षा 1से 5वी तक स्कूल संचालित है लेकिन आज तक यहां स्कूल भवन नहीं बना है। प्रधान पाठक कक्ष में दो ही कमरा है लेकिन एक कमरा में कार्यालय और एक कमरा में बच्चों को बैठाकर पढ़ाना पड़ता है। जिसकी वजह से वहां पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाई में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
स्कूल भवन के अभाव में बच्चे प्रधान पाठक कक्ष के एक कमरे में पड़ने पर मजबूर
ग्राम पंचायत कंडा के नगेसिया पारा में वर्तमान में प्राइमरी स्कूल भवन की बात करें तो वहां स्कूल भवन ही नहीं है। वहां केवल अतिरिक्त कक्ष एवं प्रधान पाठक कक्ष ही है। और सबसे अहम बात यह है की बाउंड्री वॉल भी घेराव कर दिया गया है लेकिन शासन ग्राम पंचायत कंडा के नगेसिया पारा में स्कूल भवन ही देना भुल गई है। जबकि शहरी क्षेत्र की बात करें तो तरह-तरह के मॉडल स्कूल संचालित कर रही है सरकार लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में एक खबर कभी तो नसीब नहीं। अब देखना यह है कि शासन प्रशासन एवं शिक्षा विभाग इन बच्चों की समस्याओं को संज्ञान में लेते हुए कब स्कूल भवन का निर्माण कराती है।
स्कूल में शौचालय भवन जर्जर और दो सालो से हैंड पंप खराब बच्चे ढोंढी का पानी पिने को मजबूर
ग्राम पंचायत कंडा के नगेसिया पारा के स्कूल में शौचालय भवन जर्जर और दो सालो से हैंड पंप खराब होने के कारण पानी की समस्या बनी हुई है। दो सालो से बच्चे ढोंढी का पानी पिने को मजबूर हैं। आपको बता दें कि ग्राम पंचायत कंडा के नगेशिया पारा में शासकीय प्राथमिक शाला 2006 से संचालन किया जा रहा है लेकिन स्कूल भवन नहीं होने की वजह से प्रधान पाठक कक्ष में प्राइमरी स्कूल के बच्चों को एक ही कमरे में पढ़ाया जा रहा है। जो एक विडंबना की बात है कि वर्ष 2006 से आज तक स्कूल भवन नहीं बना है इसका ज़िम्मेदार कौन? प्रशासन के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है ग्राम पंचायत कंडा के नगेसिया पारा स्थित प्राथमिक शाला की स्थिति।
विकास खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा कि:-
ग्राम पंचायत के नगेशियापारा में संचालित साला की स्थिति जब हमारे संवाददाता ने विकास खंड शिक्षा अधिकारी को अवगत कराया तो उनके द्वारा यह कहा गया कि यह जानकारी आपके द्वारा मुझे प्राप्त हुई है और इसे संज्ञान में लेते हुए जांच करवाने की बात कही।