Indian News : कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को अपनी ही पार्टी के समर्थक वकीलों के विरोध का सामना करना पड़ा। वकीलों ने यहां तक कह दिया कि ‘हम तुम पर थूकते हैं। तुम टीएमसी के एजेंट बन गए हो।’ दरअसल मामला यह था कि पी चिदंबरम कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की एक पीआईएल का विरोध करने कलकत्ता हाई कोर्ट पहुंचे थे। चौधरी इस समय पश्चिम बंगाल में कांग्रेस प्रभारी हैं और लोकसभा सांसद हैं।

क्या है मामला?

दरअसल अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए साल 2018 में एक याचिका दाखिल की थी। इसमें उन्होंने मांग की थी कि मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए। मामला पश्चिम बंगाल की मेट्रो  डेयरी के 47 प्रतिशत शेयर केवेंटर ऐग्रो लिमिटेड को बेचने का था। आरोप है कि कंपनी ने शेयर खरीदने के बाद 15 प्रतिशत शेयर सीधे सिंगापुर की कंपनी को ट्रांसफर कर दिए। 2011 से अब तक ममता बनर्जी सरकार ने केवल इतना ही विनिवेश किया है।




पी चिदंबरम केवेंटर ऐग्रो लिमिटेड की तरफ से कोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने कोर्ट से अधीर रंजन की पीआईएल को खारिज करने की मांग की। जब वह कोर्ट परिसर से बाहर जाने लगे तो वकीलों ने नारेबाजी शुरू कर दी। वकीलों ने उन्हें घेर लिया और यहां तक कहा कि वह टीएमसी के एजेंट हैं।

वकील और कांग्रेस नेता कौस्तव बागची चिल्ला रहे थे, हम तुम पर थूकते हैं। जब तुम्हारी पार्टी के कार्यकर्ता अत्याचार से लड़ रहे हैं तो तुम टीएमसी के एजेंट बने हुए हो। तुम राज्य के कांग्रेस चीफ की पीआईएल का विरोध कर रहे हो। गो बैक मिस्टर चिदंबरम। एक महिला भी लगातार  चिल्ला रही थी, ‘गो बैक।’ उसने अपना काला गाउन भी चिदंबरम के आगे लहराया।

बागची ने चिदंबरम के सामने कहा, तुम्हारे जैसे लोगों की वजह से पश्चिम बंगाल की जनता परेशान होती है। बता दें कि बागची बीरभूम हिंसा मामले में भी ममता सरकार के विरोध में खड़े हैं। इतना सब कुछ हुआ लेकिन पी चिदंबरम ने कोई जवाब नहीं दियाष वह सफेद कार में सवार हुए और निकल गए। इस मामले में अधीर रंजन चौधरी ने कहा, मैं क्या कह सकता हूं अगर पी चिदंबरम जैसा नेता यह केस लड़ता है। मैंने इसलिए पीआईएल फाइल की क्योंकि यह बड़ा घोटाला है। वहीं टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा, मैं इस कोर्ट केस के बारे में कुछ नहीं कहना चाहता हूं। आज की घटना कांग्रेस का अंदरूनी मामला है।

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