Indian News : रायपुर । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज राजधानी रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित करमा तिहार 2024 कार्यक्रम में शामिल होकर इस पारंपरिक पर्व की शुरुआत की। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने आदिवासी संस्कृति के संरक्षण और उसके महत्व पर जोर दिया और पारंपरिक विधान से पूजा-अर्चना की।

मुख्यमंत्री का संबोधन

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति हमारे पूर्वजों की विरासत है, और इसके साथ-साथ आदिवासी संस्कृति का संरक्षण भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि करमा तिहार आदिवासी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह हमारी कुंवारी बेटियों की खुशहाली के लिए मनाया जाता है।




Indian News के WhatsApp Channel से जुड़े

करमा तिहार की परंपराएं

मुख्यमंत्री ने करमा तिहार के विभिन्न पहलुओं को भी उजागर किया। उन्होंने बताया कि यह पर्व विशेष रूप से हमारी बेटियों के लिए है, जो भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करके अच्छे वर और घर की कामना करती हैं। इसके अलावा, दशहरा करमा और जियुत पुत्रिका करमा जैसे पर्वों के माध्यम से माता-पिता अपने बच्चों के लंबे जीवन की कामना करते हैं।

आदिवासी संस्कृति का महत्व

मुख्यमंत्री ने आदिवासी संस्कृति के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह समाज को जोड़ने और प्रगति के साथ संस्कृति को जीवित रखने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के त्योहार और परंपराएं समाज को एकजुट करती हैं और हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संजोने में मदद करती हैं।

Read More>>>Delhi : PM मोदी के नेतृत्व में NDA सरकार की बड़ी पहल |

सरकारी योजनाओं की जानकारी

मुख्यमंत्री साय ने कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार की विभिन्न योजनाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने धान की खरीदी पर 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर तय की है और माताओं-बहनों को महतारी वंदन योजना के तहत 1000 रुपये प्रति माह की सहायता दी जा रही है। इसके साथ ही, तेंदूपत्ता की राशि प्रति मानक बोरा 5500 रुपये की गई है और हिंदी में मेडिकल पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया गया है।

हिंदी दिवस की शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री ने हिंदी दिवस के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं दीं और कहा कि इस साल से हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई की सुविधा शुरू की जाएगी। यह निर्णय ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों के लिए फायदेमंद साबित होगा और उन्हें अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।

समारोह की उपस्थिति

कार्यक्रम में पूर्व सांसद नंद कुमार साय, कंवर समाज के प्रदेश अध्यक्ष हरवंश सिंह मिरी, महासचिव नकुल चंद्रवंशी, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया। समारोह का आयोजन कंवर समाज द्वारा किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में समाज के सदस्य उपस्थित थे।

@indiannewsmpcg

Indian News

7415984153

You cannot copy content of this page