Indian News : New Delhi | केंद्र सरकार ने कहा है कि अगले छह महीने में ई-पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सदन को ये जानकारी दी है। आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में चिप आधारित ई-पासपोर्ट जारी किये जाने की घोषणा की थी।

4.5 करोड़ चिप की तैयारी: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पूरी दुनिया चिप आधारित ई-पासपोर्ट की दिशा में बढ़ रही है और भारत को भी इस दिशा में बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 4.5 करोड़ चिप के लिए आशय-पत्र (एलओआई) जारी कर दिये गये हैं। जयशंकर ने कहा, ‘‘हमें पूरा विश्वास है कि अगले कुछ दिन में इसके लिए अनुबंध दिये जाने के बाद छह महीने के अंदर हम ई-पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया शुरू करने की स्थिति में होंगे।’’ उन्होंने चिप आधारित दस्तावेज जारी होने के बाद पासपोर्ट दिये जाने की प्रक्रिया तेज होने की संभावना के सवाल पर कहा कि प्रक्रिया नियमित होने के बाद स्वाभाविक रूप से तेज हो जाएगी।

विदेश मंत्री ने कहा कि ई-पासपोर्ट जारी करने का उद्देश्य यात्रा को सुगम, त्वरित बनाना और डेटा की सुरक्षा सुनिश्चत करना है। उन्होंने कहा कि डेटा सुरक्षा की बात करें तो इसे एक विशिष्ट प्रक्रिया के माध्यम से चिप में डाला जाता है और विशेष प्रिंटर से छापा जाता है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया कई चरणों में होती है। 




जयशंकर ने यह भी कहा कि ‘‘जब तक हम सुनिश्चित नहीं होंगे कि स्किमिग का खतरा नहीं है, स्वाभाविक है कि हम तब तक आगे नहीं बढ़ेंगे। हमें पूरा विश्वास है कि ऐसा नहीं होगा। हम चौकन्ने हैं।’’

सरकार के अनुसार ई-पासपोर्ट में स्मार्ट कार्ड प्रौद्योगिकी है, जिसमें एक ‘रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन’ (आरएफआईडी) चिप लगी है। चिप की विशेषताएं अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आईसीएओ) जो संयुक्त राष्ट्र की एक विशेषज्ञता प्राप्त एजेंसी है, जो ई-पासपोर्ट सहित अंतरराष्ट्रीय यात्रा दस्तावेजों के मानकों को परिभाषित करती है। इसमें कागज और चिप दोनों पर जानकारी होगी।

सैंपल पासपोर्ट का हो रहा परीक्षण: विदेश मंत्री ने कहा कि हम इस समय सैंपल पासपोर्ट का परीक्षण कर रहे हैं ताकि स्वयं इसकी सुरक्षा संबंधी आशंकाओं को लेकर सुनिश्चित हो सकें। उन्होंने कहा, ‘‘ हम डेटा चोरी (स्किमिंग) होने के खतरों को लेकर बहुत सतर्क हैं। इसलिए नमूना पासपोर्ट परीक्षण प्रक्रिया (टेस्टबेड) से गुजर रहा है। जब तक पासपोर्ट को अधिकारी के हाथ में नहीं सौंपा जाता, डेटा चोरी होने की आशंका नहीं है।’’

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