Indian News : पहाड़ों से आई सीधी बर्फीली हवा के कारण मध्यप्रदेश में ठंड बढ़ गई है। भोपाल समेत कई शहर शीतलहर की चपेट में आ गए हैं। मौसम विभाग के अनुसार नए साल की शुरुआत में उत्तर के पहाड़ी राज्यों से लेकर पूर्वी और उत्तरी मध्यप्रदेश के अधिकांश इलाकों में घना कोहरा रह सकता है। अभी ग्वालियर और इंदौर में कोहरा छाने लगा है। यहां पर दृश्यता एक किलो मीटर तक रह गई है। जबलपुर में भी कोहरा देखा जाने लगा है। भोपाल में सुबह के समय हल्का कोहरा है, लेकिन पहली बार दृश्यता 2 किलोमीटर तक रह गई। सामान्यत: यह 5 किलोमीटर तक रहती है। आने वाले समय में ग्वालियर, चंबल में कोहरा और बढ़ सकता है।
उत्तरी हवाओं के कारण प्रदेश के कई जिलों में रात का पारा 10 डिग्री सेल्सियस के नीचे आ गया। दतिया सबसे ठंडा रहा। यहां न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस के नीचे आ गया। इसके अलावा धार, गुना, ग्वालियर, पचमढ़ी, राजगढ़, रतलाम, खजुराहो, नौगांव और सागर में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के नीचे चला गया। मौसम विभाग के अनुसार 27 से 30 दिसंबर के बीच दिन और रात के तापमान में मामूली बढ़त हो होगी। अभी पश्चिमोत्तर हवाएं पहाड़ों से बर्फीली हवाएं लेकर आ रही हैं, जो 27 से बदल जाएंगी। इसके चलते दिन और रात दोनों के तापमान में कुछ बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।
29 के बाद फिर गिरेगा पारा…
मौसम विभाग के अनुसार भूमध्यसागर से उठा पश्चिमी विक्षोभ हिमालय के क्षेत्रों में सक्रिय होगा। इसके कारण 29 दिसंबर के बाद पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी होगी। कुछ स्थानों पर बारिश के भी आसार हैं। 29-30 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में पश्चिमी विक्षोभ के चलते ताजा बर्फबारी के आसार हैं। इसके बाद हवा का पैटर्न बदलने पर मैदानी इलाकों में कड़ाके की सर्दी पड़ेगी। संभवत: ये इस सीजन के सबसे सर्द दिन होंगे।
शनिवार शाम से उत्तरी हवाएं चलने लगी थीं। इस कारण मध्यप्रदेश में दिन और रात का तापमान गिर गया। पाकिस्तान से आने वाली हवाओं के कारण हिमालय में बर्फबारी हुई। वहां से आने वाली उत्तरी हवाओं के कारण प्रदेश में ठंड ने जोर पकड़ा है। अगले 48 घंटे तक मौसम इसी तरह बना रहेगा। इसके बाद मौसम फिर बदलेगा और तापमान में हल्की बढ़त होगी। 29 से लेकर 31 दिसंबर तक तापमान बढ़ेगा। 30 दिसंबर को प्रदेश भर में हल्के बादल छा सकते हैं। बारिश की संभावना नहीं है।
29 दिसंबर को सक्रिय सिस्टम का असर 31 दिसंबर तक रहेगा। इसके बाद दिन और रात के तापमान में गिरावट हो सकती है। इससे प्रदेश भर में ठंड एक बार फिर जोर दिखाने लगेगी। अब तक बहुत ज्यादा स्ट्रॉन्ग सिस्टम नहीं बनने के कारण ठंड का असर कम रहा है। आने वाले समय में नए सिस्टम बनने की संभावना बनने लगी है। फोटो उत्तराखंड के वासुकी ताल का है। 4150 मीटर ऊंचाई पर बना यह ताल पूरी तरह जम गया है। गंगोत्री से केदारनाथ वाले रास्ते में यह ताल पड़ता है। चार धाम यात्रा के दौरान ही इस ताल को देखने जा सकते हैं। यहां से हिमालय के ऊंचे पहाड़ दिखते हैं। यह क्षेत्र ब्रह्मकमल के लिए भी चर्चित है। मौसम विभाग के मुताबिक 26 दिसंबर के बाद राज्य में बर्फबारी का दौर शुरू होने की संभावना है। ऐसे में यहां की खूबसूरती और बढ़ जाएगी।
अगले एक सप्ताह के दौरान ग्वालियर, सागर और जबलपुर और इसके आसपास के जिलों में न्यूनतम तापमान 6 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। इन इलाकों में अधिकतम तापमान 20 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। भोपाल, इंदौर और उज्जैन और इसके आसपास के जिलों में रात का पारा 10 से 14 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। अधिकतम यानी दिन का पारा इन इलाकों में 22 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। श्रीनगर में रविवार को न्यूनतम पारा माइनस 5.8 दर्ज हुआ। मौसम विभाग के अनुसार, 29-30 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में पश्चिमी विक्षोभ के चलते ताजा बर्फबारी के आसार हैं। इसके बाद हवा का पैटर्न बदलने पर मैदानी इलाकों में कड़ाके की सर्दी पड़ेगी।
10 साल में सबसे गर्म दिसंबर
मध्यप्रदेश में 10 साल में पहली बार ऐसा रहा, जब दिसंबर में सर्दी कम रही। लोगों को इस बार दिसंबर में भी पंखे का सहारा लेना पड़ा। बीच में साइक्लोन मैंडूस के कारण सिर्फ दो दिन ही लोगों को दिन में सर्दी का अहसास हुआ, लेकिन रात को ठंड नहीं रही। प्रदेश के चार प्रमुख शहरों के 10 साल के न्यूनतम तापमान पर नजर डालें, तो दिसंबर 2022 सबसे गर्म रहा। चारों प्रमुख शहरों में रात का पारा सबसे ज्यादा रहा। भोपाल और इंदौर में यह सबसे ज्यादा रहा। अब तक सबसे ज्यादा ठंड वाले जबलपुर-ग्वालियर में भी लोगों को ठंड इस बार दिसंबर में उतनी कंपकंपा नहीं पाई।
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