Indian News : बस्तर | नगर निगम जगदलपुर के कर्मचारी अपने नियमितीकरण सहित विभिन्न मांगों को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल पर हैं । हड़ताल से पेयजल व साफ-सफाई सहित कई मुलभूत व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं।
छत्तीसगढ़ के Bastar जिले के जगदलपुर नगर निगममें 15 साल के बाद कांग्रेस ने जीत तो हासिल कर ली, लेकिन निगम का सिंहासन किसे सौंपा जाए? इस पर कवायद परिणाम के छह दिन बाद भी जारी है, इस कवायद के बीच गुटबाजी कुछ ऐसे हावी हो रही है, जिसके चलते बस्तर के एक मंत्री को पर्यवेक्षक के पद से हटना पड़ा है | ये बवाल उस वक्त सामने आ गया जब प्रदेश के उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने निगम सत्ता के लिए बनाए गए बस्तर पर्यवेक्षक के पद से हटना बेहतर समझा |
मंत्री कवासी लखमा के पर्यवेक्षक के पद से हटने को भले ही बहुत हल्के ढंग से लिया गया हो, लेकिन मंत्री कवासी लखमा के हटने के पीछे कारण बस्तर में बढ़ रही गुटबाजी ही है | अपने भविष्य को दांव पर नहीं लगाने को लेकर कवासी लखमा पर्यवेक्षक पद से हट गए और उसके बाद ये बवाल थमने की बजाय बढ़ता चला जा रहा है |
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नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम बीते 24 दिसंबर को आने के बाद कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजीव शर्मा, विधायक रेखचंद जैन की अगुवाई में जीते हुए पार्टी के 26 पाषर्दों को ये कहकर रायपुर ले जाया गया कि उन्हें सीएम ने मुलाकात के लिए बुलाया है जबकि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ |
बताया जा रहा है कि जिला संगठन अपने लोगों को महापौर के पद पर आसीन करना चाहता है तो वहीं सांसद गुट अपने चेहरे को निगम की सत्ता पर बिठाना चाहते हैं |
तीन दिन से चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है जीते हुए पाषर्द इस समय राजधानी में एक होटल में ठहराए गए हैं, दरअसल महापौर पद के लिए छह दावेदार हैं, इनमें से एक नाम तय करना पार्टी के लिए परेशानी का सबब बन गया है |
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