Indian News : भिंड । मध्य प्रदेश के भिंड जिले में चंबल नदी की बाढ़ ने एक अनोखी स्थिति पैदा कर दी। बाढ़ के पानी के साथ एक मगरमच्छ करीब डेढ़ किलोमीटर दूर चौम्हों गांव के नजदीक पहुंच गया। ग्रामीणों ने सूझ-बूझ दिखाते हुए मगरमच्छ को रस्सी से बांधकर सुरक्षित रूप से चंबल नदी में छोड़ दिया।
मगरमच्छ का गांव में आगमन
शनिवार शाम को चंबल नदी में बाढ़ के पानी के साथ मगरमच्छ चौम्हों गांव के करीब आ गया। यह खबर गांव में तेजी से फैल गई और ग्रामीण तुरंत एकत्रित हो गए। मगरमच्छ की उपस्थिति से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया, लेकिन उन्होंने शांतिपूर्वक स्थिति को संभालने का निर्णय लिया।
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ग्रामीणों ने मगरमच्छ पर काबू पाया
ग्रामीणों ने मगरमच्छ को घेर लिया और उसके गले में रस्सी बांधने में सफल रहे। रस्सी का एक सिरा मगरमच्छ के गले में बांध दिया गया और दूसरा सिरा बबूल के पेड़ से जोड़ दिया गया ताकि मगरमच्छ भाग न सके। इस प्रक्रिया के दौरान ग्रामीणों ने अत्यधिक सावधानी बरती और मगरमच्छ को नियंत्रित किया।
मगरमच्छ को चंबल नदी में छोड़ना
मगरमच्छ को काबू में लेने के बाद, ग्रामीणों ने उसे चंबल नदी में वापस छोड़ने का फैसला किया। रस्सी को हटाकर मगरमच्छ को नदी में छोड़ दिया गया, जहां वह सुरक्षित रूप से वापस अपने प्राकृतिक habitat में लौट गया।
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प्रशंसा और भविष्य के उपाय
ग्रामीणों की सूझबूझ और सामूहिक प्रयास की सराहना की जा रही है, जिन्होंने एक संभावित खतरनाक स्थिति को सफलतापूर्वक संभाला। इस घटना ने यह भी दिखाया कि बाढ़ के दौरान जलीय जानवरों के साथ किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए। प्रशासन और वन विभाग को इस तरह की परिस्थितियों में और बेहतर योजना और तैयारियों पर विचार करने की आवश्यकता है।
निवारण और भविष्य की दिशा
भविष्य में इस तरह की स्थितियों से निपटने के लिए, स्थानीय प्रशासन और वन विभाग को बेहतर तैयारी और आपातकालीन योजनाएं विकसित करनी चाहिए। ग्रामीणों की सहायता और उचित मार्गदर्शन से ऐसे आपातकालीन हालात में तेजी से और प्रभावी ढंग से निपटा जा सकता है।
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