Indian news : हम सब जानते है कि पूरे विश्व में भारत देश को ”मसालों की भूमि” के नाम से जाना जाता है। धनिया के बीज एवं पत्तियां भोजन को सुगंधित एवं स्वादिष्ट बनाने के काम आते हैं। आज क्रोरोना जैसे महामारी में भी धनिया बीज को कार्मिनेटीव और डायरेटिक के रूप में उपयोग किया जाता है
आज हम business idea में बातएंगे कैसे करे धनिये की खेती और किन बातों का रखें ध्यान
धनिये का उपयोग (use )
धनिया एक बहुमूल्य बहुउपयोगी मसाले वाली आर्थिक दृष्टि से भी लाभकारी फसल है। धनिया के बीज एवं पत्तियां भोजन को सुगंधित एवं स्वादिष्ट बनाने के काम आते हैं।
कौन से महीने में करें खेती
शुष्क व ठंडा मौसम अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिये अनुकूल होता है। बीजों के अंकुरण के लिये 25 से 26 से.ग्रे. तापमान अच्छा होता है। धनिया शीतोष्ण जलवायु की फसल होने के कारण फूल एवं दाना बनने की अवस्था पर पाला रहित मौसम की आवश्यकता होती है। वहीं, इसे उगाने पर उनका कुल खर्च करीब 40,000 रुपये आता हैं आमदनी 1,30,000 रुपये होती है
भूमि का चुनाव और कैसे करे तैयारी (prepare )
धनिया क्षारीय एवं लवणीय भूमि को सहन नही करता है। अच्छे जल निकास एवं उर्वरा शक्ति वाली दोमट या मटियार दोमट भूमि उपयुक्त होती है। मिट्टी का पी.एच. 6.5 से 7.5 होना चाहिए। सिंचित क्षेत्र में अगर जुताई के समय भूमि में पर्याप्त जल न हो तो भूमि की तैयारी पलेवा देकर करनी चाहिए ।
बोनी का समय
धनिया की फसल रबी मौसम में बोई जाती है। सबसे उपयुक्त समय 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर है।
बीज दर
सिंचित अवस्था में 15-20 कि.ग्रा./हे. बीज तथा असिंचित में 25-30 कि.ग्रा./हे. बीज की आवश्यकता होती है ।