Indian News : दिल्ली दंगों के आरोपी शाहरुख पठान (Shahrukh Pathan) के जोरदार स्वागत (warm welcome)का एक वीडियो( Video)इन दिनों तेजी से वायरल (viral)हो रहा है। इस वीडियो में शाहरुख पठान (Shahrukh Pathan)के समर्थकों की भीड़ उसके समर्थन में नारे लगाती दिख रही है। पुलिस सुरक्षा (police protection)में चल रहा शाहरुख भी हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन करता दिख रहा है।
जानकारी के अनुसार, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों के दौरान दिल्ली के जाफराबाद में एक पुलिसकर्मी पर बंदूक तानने वाले आरोपी शाहरुख पठान का 23 मई को 4 घंटे की कस्टडी पैरोल के दौरान अपने घर पर पहुंचने पर इलाके में जोरदार स्वागत किया गया।
इस दौरान गली और अपने घरों की छतों पर खड़े सैकड़ों की तादाद में जुटे इलाके के लोगों ने शाहरुख पठान जिंदाबाद के नारे भी लगाए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। दिल्ली पुलिस ने इस वायरल वीडियो की पुष्टि की है। शाहरुख को अपने बीमार पिता से मिलने के लिए पैरोल मिली थी।
#WATCH | Accused Shahrukh Pathan, who pointed a gun at a policeman during anti-CAA protests gets a welcome during 4-hour parole on his arrival at his residence on May 23. He got parole to meet his ailing father.
— ANI (@ANI) May 27, 2022
(The viral video has been confirmed by police) pic.twitter.com/Fc5HjuSdy2
बता दें कि दिल्ली दंगों के दौरान आरोपी शाहरुख पठान का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वह पुलिसवालों की तरफ बंदूक तानकर गोलियां चला रहा था। मौजपुर इलाके का यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी हुआ था।
दिल्ली दंगे में 53 लोगों की हुई थी मौत
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच संघर्ष के बाद 24 फरवरी 2020 को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे। इस हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से अधिक लोग घायल हो गए थे। साथ ही सरकारी और निजी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा था। उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया था और स्थानीय लोगों तथा पुलिस कर्मियों पर पथराव किया था।
इस दौरान राजस्थान के सीकर के रहने वाले दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की 24 फरवरी को गोकलपुरी में हुई हिंसा के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी और डीसीपी-एसीपी सहित कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल गए थे। साथ ही आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या करने के बाद उनकी लाश नाले में फेंक दी गई थी।