Indian News : चेन्नई | कांचीपुरम जिले के वालाजाबाद के पास में डायरिया और उल्टी की बीमारी ने कई लोगों को प्रभावित किया है | जिसके चलते दो स्थानीय अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। दूषित पेयजल के कारण बीमारी फैलने की खबरें सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने कार्रवाई की है।
पिछले एक सप्ताह में 20 से अधिक लोगों को कांचीपुरम सरकारी अस्पताल शंकर मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल और मीनाक्षी मेडिकल कॉलेज अस्पताल सहित विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। गांव में आपूर्ति किए जाने वाले दूषित पानी के कारण यह बीमारी फैली है।
दुखद बात यह है कि वैयावूर गांव की दो बुजुर्ग महिलाएं अश्विनी (60) और सरोजा गंभीर डायरिया और उल्टी के बाद इस बीमारी से मर गईं। अश्विनी की बुधवार (12 जून) शाम को अस्पताल से घर लौटने के बाद मौत हो गई, जबकि सरोजा ने अस्पताल में इलाज कराने के बजाय घरेलू उपचार का विकल्प चुना और गुरुवार (13 जून) शाम को उनकी मौत हो गई।
मौतों और अस्पताल में भर्ती होने वालों की बढ़ती संख्या ने गांव के निवासियों में काफी डर पैदा कर दिया है। ग्रामीणों ने वलजाबाद यूनियन कार्यालय और वैयावूर पंचायत कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी | जिसमें दूषित पेयजल को स्वास्थ्य संकट का कारण बताया गया था।
इन शिकायतों के बाद कांचीपुरम जिला स्वास्थ्य अधिकारियों ने वलजाबाद यूनियन स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मिलकर वैयावूर गांव में व्यापक जांच की। उन्होंने ओवरहेड वाटर टैंक और पानी की आपूर्ति करने वाले कुएं का निरीक्षण किया | जिसमें पाया गया कि दोनों का रखरखाव ठीक से नहीं किया गया था। जांच में पता चला कि पानी में क्लोरीन का स्तर अपर्याप्त था।
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