Indian News : New Delhi | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने बजट से ठीक पहले डॉ वी अनंत नागेश्‍वरन को चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर यानी सीईए नियुक्‍त किया है. दिसंबर 2021 में केवी सुब्रमण्यन का कार्यकाल खत्म हो गया जिसके बाद से यह पद खाली पड़ा था. सुब्रमण्यन 3 साल तक देश केचीफ इकोनॉमिक एडवाइजर रहे.

बिजनेस और आर्थिक मामलों का व्यापक अनुभव
डॉ. वी अनंत नागेश्वर बिजनेस और आर्थिक मामलों का व्यापक अनुभव रखते हैं. उन्होंने 1985 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजेमेंट (IIM), अहमदाबाद से एमबीए की पढ़ाई की थी. फिर, 1994 में यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स से फाइनेंस में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की. कई प्राइवेट वेल्थ मैनेजमेंट इंस्टीट्यूशंस के लिए रिसर्च वर्क में स्विट्जरलैंड में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई है.

प्रधानमंत्री के इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल का रहें हैं हिस्सा
अक्टूबर 2018 से दिसंबर 2019 तक आईएफएमआर ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के डीन रहे हैं. अक्टूबर 2019 में उन्हें इंडिया में प्रधानमंत्री के इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल का पार्ट-टाइम मेंबर बनाया गया . 2 सालों तक यह जिम्मेदारी उन्होंने निभायी. कोरोना संक्रमण के इस दौर में नागेश्वर को सीईए के रूप में नियुक्ती ढेर सारी उम्मीदों के साथ की गयी है. उम्मीद है कि देश एक बार फिर बढ़त के रास्ते पर लौटेगा और देश की अर्थव्यस्था में सुधार और बढ़त आयेगी. इंडियन इकोनॉमी के लिए अहम पॉलिसी बनाने की जिम्मेदारी इनके कांधे पर ही होगी.




अर्थव्यवस्था को ठीक करने की होगी जिम्मेदारी
सीईओ का पद फाइनेंस मिनिस्ट्री में सेक्रेटरी के बराबर का होता है. आर्थिक मसलों पर सरकार को राय देने के साथ ही अर्थव्यवस्था के रास्ते में आने वाली अड़चनों की पहचान करना और उन्हें दूर करने के रास्ते भी तलाशने की जिम्मेदारी होती है. देश का बजट तैयार हो रहा है ऐसे समय में इनकी नियुक्ति बेहद अहम मानी जा रही है

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