Indian News : राष्ट्पति चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है और एनडीए ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। एनडीए ने ओड़िशा की द्रौपदी मुर्मू को देश के राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया है। एनडीए के लिए द्रौपदी मुर्मू ट्रंप कार्ड साबित होंगी क्योंकि देश के इतिहास में आज तक कोई आदिवासी नेता देश के सर्वोच्च पद तक नहीं पहुंचा है। द्रौपदी मुर्मू की घोषणा के बाद विपक्ष के सामने अपने उम्मीद\वार यशवंत सिन्हा के लिए समर्थन जुटाना मुश्किल हो गया है।


बता दें मंगलवार को एनडीए ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति का उम्मीदवार घोषित किया है। एनडीए की ओर से आदिवासी नेता 64 साल की द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार होंगी। द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल भी रह चुकी हैं। प्रत्याशी बनाने के साथ ही केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को Z+ की सुरक्षा मुहैय्या कराया है। उन्हें सीआरपीएफ कर्मियों द्वारा जेड प्लस सिक्योरिटी कवर दिया है।


पहली आदिवासी नेता जो बनेंगी राष्ट्रपति





एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतती हैं तो वो देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी। आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू का मुकाबला विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा से होगा। बता दें यशवंत सिन्हा को विपक्ष ने अपना संयुक्त उम्मीदवार बनाया है।


यशवंत सिन्हा झारखंड के हजारीबाग से हैं। वे जनता पार्टी से लेकर जनता दल व बीजेपी के सांसद रह चुके हैं। केंद्र की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे हैं. हालांकि, यशवंत सिन्हा ने बीजेपी छोड़कर टीएमसी का दामन थाम लिया था। वहीं, द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के मयूरभंज जिले की रहने वाली हैं और आदिवासी समुदाय से आती हैं। द्रौपदी मुर्मू निगम पार्षद से लेकर विधायक और झारखंड की राज्यपाल तक रही हैं।


एनडीए के पास 13 हजार वोट कम


राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए ने अपना प्रत्याशी तो घोषित कर दिया लेकिन उन्हें जीतने के लिए 13 हजार वोट की दरकार है। NDA के पास कुल 10.79 लाख वोटों के आधे से थोड़ा कम 5,26,420 है। वहीं पूरा विपक्ष एकजुट होता है तो यशवंत सिन्हां को फायदा होगा। हांलाकि ऐसा होता नहीं दिख रहा है। भाजप ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाकर ओड़िशा को पाले में ले लिया है।


आंकड़ों में देखें तो बीजू जनता दल के पास 31 हजार से ज्यादा तथा वाईएसआर कांग्रेस के पास 43 हजार वोट हैं। इनमें से कोई एक भी एनडीए को सपोर्ट करता है तो उनका काम बन जाएगा। पिछली बार भी इन दोनों दलों ने एनडीए को सपोर्ट किया था। यही नहीं बीजेडी सुप्रीमों व ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने एनडीए को सपोर्ट करने का संकेत भी दे दिया है इसलिए द्रौपदी मुर्मू की राह आसान हो गई है।

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