Indian News : दुर्ग | छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक पुलिस सिपाही अभिषेक राय (28 वर्ष) ने अपने घर में जहर खाकर आत्महत्या कर ली। सिपाही की मां ने आरोप लगाया है कि उसके बेटे को पुलिस अधिकारियों द्वारा परेशान किया जा रहा था, जिसके चलते वह ड्यूटी से दूर रह रहा था।
पदस्थापना की परेशानी : सूत्रों के अनुसार, अभिषेक राय पिछले चार दिनों से ड्यूटी पर नहीं जा रहा था। उसे भिलाई तीन में तबादला किया गया था, लेकिन वह पुलिस लाइन में ही पदस्थ रहना चाहता था। अभिषेक की मां ने बताया कि उसने इस संबंध में एसपी दुर्ग और आरआई से भी गुहार लगाई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अभिषेक को गाड़ी चलाने में कठिनाई होती थी, जिसके कारण वह अपनी ड्यूटी को लेकर तनाव में था।
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पारिवारिक पृष्ठभूमि : अभिषेक के पिता संजय राय भी छत्तीसगढ़ पुलिस में थे, जिनकी 2012 में नारायणपुर में ड्यूटी के दौरान बम डिफ्यूज करते समय मौत हो गई थी। इसके बाद अभिषेक को अनुकंपा नियुक्ति के तहत चालक के पद पर रखा गया था। परिवार के लिए यह एक कठिन समय था, और अब उनके दूसरे सदस्य की आत्महत्या ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
पुलिस का बयान : दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि अभिषेक ड्यूटी को लेकर लापरवाह था और 25 सितंबर से ड्यूटी पर नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि अभिषेक के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, और उन्हें यह जानकारी नहीं है कि उसे किसी अधिकारी द्वारा परेशान किया जा रहा था।
शव का पीएम और अंतिम संस्कार : पुलिस ने सिपाही अभिषेक राय के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सुपेला भेज दिया है। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया गया। इस घटना ने न केवल पुलिस विभाग बल्कि समस्त समुदाय को झकझोर कर रख दिया है।
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