Indian News : यूपी। पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के बेटे और सपा नेता विनय शंकर तिवारी के गोरखपुर स्थित आवास पर शुक्रवार की सुबह ईडी (प्रवर्तन निदेशालय ) ने छापा डाल दिया। 750 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में विनय शंकर तिवारी समेत अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का पहले से केस दर्ज है। वहीं पिछले दिनों उनकी सम्पत्ति भी जब्त की गई थी। इसी मामले में यह छापे की कार्रवाई देखी जा रही है। छापे की सूचना के बाद तिवारी ‘अहाते’ पर शुभचिंतक की भीड़ लगने लगी। दरअसल, विनय शंकर व उनकी कम्पनी द्वारा लिए गए बैंक लोन के बारे में बैंक ऑफ इंडिया लखनऊ की टीम तीन साल पहले आई थी। यहां की सम्पत्ति की जानकारी करके लौट गई थी।
जालसाजी के मामले में 2020 में पहले सीबीआई की एंट्री हुई बाद में यानी 2021 प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह से 750 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी समेत अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। लखनऊ स्थित क्षेत्रीय कार्यालय ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत चिल्लूपार (गोरखपुर) से पूर्व विधायक व लखनऊ स्थित गंगोत्री इंटरप्राइजेज के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की थी। ईडी ने विनय, उनकी पत्नी रीता, गंगोत्री इंटरप्राइजेज सहित अन्य के खिलाफ सीबीआई की एफआईआर के आधार पर यह केस दर्ज किया था। सीबीआई ने मामले में शिकायत दर्ज करने के बाद लखनऊ और नोएडा में छापे मारे थे। कथित धोखाधड़ी बैंक ऑफ इंडिया नीत बैंकों के समूह के खिलाफ की गई, जो 754.25 करोड़ रुपये की बताई गई थी।
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