Indian News : महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा शंखनाद हुआ है। जो 10  अक्टूबर से  महाराष्ट्र की राजनीति का इतिहास बन गया है। शिवसेना पार्टी को लेकर एकनाथ शिंदे और  उद्धव ठाकरे गुट में लगातार खींचतान के बीच उन्हें नए नाम और चुनाव चिंह आवंटित कर दिए हैं। चुनावी चिन्ह को लेकर चल रही जंग के बीच उद्धव ठाकरे को टार्च और मशाल वाला चिन्ह दे दिया गया है। वहीं उनकी पार्टी का नाम शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे रखा गया है। चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे से अभी के लिए तीन विकल्प मांगे हैं, उसी के आधार पर उन्हें भी कोई चुनावी चिन्ह दिया जाएगा।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर लिखा कि “आखिरकार बालासाहेब ठाकरे के मजबूत हिंदुत्ववादी विचारों की जीत हुई। हम बालासाहेब के विचारों के उत्तराधिकारी हैं।” भारत चुनाव आयोग ने आज शिवसेना के शिंदे गुट को ‘बालासाहेबांची शिवसेना’ नाम आवंटित किया।

बताया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे गुट को उनका चुनावी चिन्ह अभी तक तय नहीं हुआ है। वैसे चुनाव आयोग ने ये फैसला उस समय लिया है जब चुनाव चिन्ह वाली लड़ाई दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गई है। सोमवार को ही उद्धव ठाकरे की तरफ से दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। उस याचिका के जरिए चुनाव आयोग के उस फैसले का विरोध किया गया है, जहां पर शिवसेना के चुनाव चिन्ह को फ्रीज कर दिया गया था।




जानकारी तो ये भी मिली है कि एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से चुनाव आयोग को पहले तीन विकल्प दिए गए थे। लेकिन चुनाव आयोग ने उन तीन विकल्पों में से दो को तो रिजेक्ट कर दिया, वहीं तीसरा वाला क्योंकि डीएमके के चुनाव चिन्ह से मेल खा रहा था, ऐसे में उसे भी स्वीकार नहीं किया गया। बताया जा रहा है कि शिंदे खेमे की तरफ से त्रिशूल, गदा और उगते सूरज चुनावी चिन्ह के लिए भेजे गए थे, लेकिन चुनाव आयोग ने त्रिशूल और गदा को धार्मिक बताया और उगते सूरज को डीएमके का चुनावी चिन्ह। ऐसे में अब दोबारा शिंदे गुट को चुनाव आयोग को तीन विकल्प भेजने पड़ेंगे।

चुनाव आयोग ने उद्धव गुट को ‘शिवसेना- उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ आवंटित किया है। आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट के चुनाव न‍िशान ‘जलती मशाल’ को भी मंजूरी दी। ठाकरे के वफादार और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री भास्कर जाधव ने कहा क‍ि हमें खुशी है कि तीन नाम जो हमारे लिए सबसे ज्यादा मायने रखते हैं- उद्धव जी, बालासाहेब और ठाकरे- को नए नाम में रखा गया है। वहीं  एकनाथ शिंदे गुट के लिए पार्टी के नाम के रूप में ‘बालासाहेबंची शिवसेना’ आवंटित किया  है और उसे एक नया प्रतीक चुनने के लिए कहा।

दरअसल, उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुटों के बीच तनातनी के बीच चुनाव आयोग ने शनिवार को शिवसेना के धनुष और तीर के निशान को सीज कर दिया। चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को उपलब्ध प्रतीकों में से चुनने और सोमवार दोपहर 1 बजे तक अपने अंतरिम मार्करों के लिए तीन विकल्प प्रस्तुत करने के लिए कहा था।

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