- ईडी ने राणा अयूब की 1.77 करोड़ रुपये किए अटैच
- राणा अयूब अक्सर अपने सोशल मीडिया पर दिए बयानों पर चर्चा में रहती हैं
- तहलका पत्रिका में काम करती थीं राणा अयूब
Enforcement Directorate Action: आरोप है कि राणा अय्यूब द्वारा केटो पर कुल 2 करोड़ 69 लाख 44 हजार 680 रुपये की धनराशि जुटाई गई थी. ये धनराशि उनकी बहन/पिता के बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी.
Indian News – Journalist Rana Ayyub Money Laundering Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बताया है कि एजेंसी ने पत्रकार राणा अय्यूब (Rana Ayyub) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में 1.77 करोड़ रुपये कुर्क किए हैं. ED के एक अधिकारी ने कहा कि अय्यूब ने कथित तौर पर धन का दुरुपयोग किया और व्यक्तिगत खचरें के लिए रकम दूसरे खाते में भेज दिया था. यूपी पुलिस ने पिछले साल अय्यूब के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था, ईडी की ये कार्रवाई उसी मामले पर आधारित है.
आरोप है कि राणा अय्यूब द्वारा केटो (Ketto) पर कुल 2 करोड़ 69 लाख 44 हजार 680 रुपये की धनराशि जुटाई गई थी. ये धनराशि उनकी बहन/पिता के बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी. इस राशि में से 72 लाख 1 हजार 786 रुपये उसके अपने बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए थे. उनकी बहन इफ्फत शेख के खाते में 37 लाख 15 हजार 72 रुपये और उनके पिता मोहम्मद अय्यूब वक्फ के बैंक खाते में 1 करोड़ 60 लाख 27 हजार 822 रुपये थे. बाद में उनकी बहन और पिता के खाते से ये सभी धनराशि उनके खुद के खाते में ट्रांसफर कर दी गईं.
जर्नलिस्ट राणा अय्यूब ने 31 लाख 16 हजार 770 रुपये के खर्च की जानकारी/दस्तावेज प्रस्तुत किए. हालांकि, दावा किए गए खचरें के सत्यापन के बाद सामने आया कि वास्तविक खर्च केवल 17 लाख 66 हजार 970 रुपये का था. प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की गई जांच से यह स्पष्ट रूप से स्पष्ट हो गया है कि दान के नाम पर पूरी तरह से पूर्व नियोजित और व्यवस्थित तरीके से धन जुटाया गया था और धन का पूरी तरह से उपयोग नहीं किया गया था.
Rana Ayyub तहलका पत्रिका में पत्रकार थीं। मगर तहलता के संपादक तरुण तेजपाल पर यौन शोषण के आरोप लगने के बाद इन्होंने वहां से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से स्वतंत्र पत्रकारिता के जरिए तमाम अखबारों और मैग्जीनों में लेख लिखने शुरू किए।
गुजरात फाइल्स का जिक्र
राणा अयूब ने गुजरात में कथित फर्जी मुठभेड़ों में तमाम स्टिंग ऑपरेशन किए। 8 महीने में अयूब ने तमाम अधिकारियों और लोगों की बात रिकॉर्ड की थीं। इन्होंने गुजरात दंगों पर और गुजरात फाइल्स नाम की किताबें भी लिखीं। जिसके बाद ये सुर्खियों में आ गईं। राणा अयूब अक्सर ट्वीटर पर लोगों के निशाने पर होती हैं। वो हमेशा कुछ ऐसे विवादास्पद मसलों पर अपनी राय रखती हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने सऊदी अरब के लिए भी ट्वीट किया जिसके बाद उनको लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। राणा अयूब पीएम मोदी और भाजपा संघ की कड़ी आलोचक हैं। वो समय-समय पर इनके खिलाफ गुस्सा भी जाहिर करती रहती हैं।
अमूल के एक ऐड का विरोध
कश्मीर में से धारा 370 हटाने के बाद अमूल ने एक भाईचारे वाला विज्ञापन बनाया था। राणा अयूब ने इसको लेकर भी अपनी आपत्ति दर्ज की थी। उन्होंने लिखा था कि कोई कैसे विज्ञापन बना सकता है, जहां पर पर बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हो सेना नागरिकों पर अत्याचार कर रही है सभी लोग घरों में कैद हैं। कैसे अमूल भाईचारे का एक विज्ञापन बना सकता है जहां पर पर लोग आपस में खुशियां बांट रहे हैं, चॉकलेट बांट रहे हैं।
वाशिंगटन पोस्ट की एक खबर पर भी इनका नाम
अमेरिका द्वारा की गई कार्रवाई में आईएसआईएस के प्रमुख अबु बकर अल बगदादी को मारा गया था। उसके बाद में वाशिंगटन पोस्ट से ट्वीटर पर ट्वीट आता है, कि एक सीधे-साधे धार्मिक गुरु के साथ में अमेरिका ऐसा कैसे कर सकता है। सीधे-साधे का मतलब क्या था? क्या बगदादी एक सीधा-साधा व्यक्ति था जो अपनी शिक्षा के द्वारा लोगों में अपने धर्म की शिक्षाओं को बढ़ाना धार्मिक शिक्षा देना लोगों को धर्म के प्रति जागरूक करने का काम करता था। अपने इसी माइंडसेट के कारण राणा अयूब को एक बड़ा तबका कभी समर्थन नहीं देता था।
सऊदी अरब पर ट्वीट कर फंसी
अभी ज्यादा दिन नहीं बीते। राणा अयूब ने फिर कुछ ऐसा कहा जिससे वो विवाद में घिर गईं। यमन और सऊदी अरब के बीच लंबे समय से लड़ाई चल रही है। लेकिन इन दिनों दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। हालिया विवाद तब तेज हुए जब हूती विद्रोहियों ने बीते दिनों संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में ड्रोन हमले किए। इसमें दो भारतीय नागरिकों समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी। पत्रकार राणा अयूब ने पूरे मामले पर टिप्पणी करके विवादों में आ गईं जिन्हें सऊदी अरब के लोगों ने ट्विटर पर ट्रोल भी किया।
क्या लिखा था ट्वीट में
भारतीय पत्रकार राणा अयूब ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा, ‘यमन का खून बह रहा है और खून के प्यासे सऊदियों को रोकने वाला कोई नहीं है। ये वे लोग हैं जो खुद को इस्लाम का रक्षक बताते हैं। एक मुस्लिम के तौर पर मैं शर्मिंदा हूं कि ये दरिंदे पवित्र मस्जिद के रखवाले हैं। इस नरसंहार पर दुनिया चुप नहीं रह सकती।’ हूती हमले में भारतीय नागरिकों की मौत के बाद से ही सऊदी अरब नेतृत्व वाला गठबंधन लगातार यमन में हूती कब्जे वाले इलाकों पर हवाई हमले कर रहा है।
गबन का मामला हुआ था दर्ज
10 सितंबर 2021 को राणा अयूब के खिलाफ उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस ने धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत केस दर्ज किया था। राणा अयूब के खिलाफ कोविड-19 के मरीजों और कुछ पूर्वी राज्यों में बाढ़ पीड़ितों के लिए कथित तौर पर चंदा जुटाने के संबंध में धोखाधड़ी और गबन का मामला दर्ज किया है। अयूब पर आईटी कानून के तहत भी मामला दर्ज किया गया था। उन पर कंप्यूटर रिसोर्स का इस्तेमाल कर आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी के आरोप था।