Indian News : Raipur | छत्तीसगढ़ प्रदेश के सबसे बड़े डाक्टर भीमराव आंबेडकर अस्पताल के एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट (एसीआइ) में बाइपास सर्जरी की सुविधा अब तक शुरू नहीं हो पाई है। ऐसे में हर माह 150 से अधिक बाईपास सर्जरी के गरीब मरीजों को लौटना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि इलाज के अभाव में कई गंभीर मरीजों की मौत तक हो चुकी है।
प्रबंधन का कहना है कि बाईपास सर्जरी के लिए राज्य सरकार को कई बार पत्र लिखा जा चुका है। लेकिन सरकार की गंभीरता इसी से नजर आ रही है कि इसे शुरू करने की अनुमति अब तक नहीं दी गई है। चिकित्सकों ने बताया कि हर दिन पांच से छह ऐसे मरीज आते हैं, जिन्हें बाईपास सर्जरी की जरूरत पड़ती है।
सुविधाएं ना होने की वजह से उन्हें अन्य अस्पताल भेज दिया जाता है। बता दें आंबेडकर अस्पताल के एसीआइ में कार्डियक सर्जरी व कार्डियोलाजी विभाग मिलकर हर दिन करीब 150 मरीज ओपीडी में आते हैं। वहीं 15 से अधिक बड़े-छोटे हृदय के आपरेशन किए जाते हैं।
क्या है बाईपास सर्जरी
हार्ट के कोरोनरी आर्टरी में ब्लाकेज होने की स्थिति में एंजियोप्लास्टि प्रक्रिया की जाती है। लेकिन एंजियोप्लास्टि ना हो पाने की स्थिति में मरीज की बाईपास सर्जरी करना जरूरी होता है। प्राइवेट अस्पतालों में इस प्रक्रिया में ढाई से तीन लाख रुपये तक खर्च आते हैं। लेकिन आंबेडकर अस्पताल में सरकारी योजना के तहत निश्शुल्क इलाज मिल सकता है।