Indian News : दुमका | झारखंड में पूजा सिंघल प्रकरण के बाद इन दिनों ईडी का नाम काफी चर्चा में है. अब एक बार फिर एक अजीबोगरीब मामले को लेकर ईडी की चर्चा हो रही है. दरअसल दुमका में एक व्यक्ति ईडी का इंस्पेक्टर बनकर जिला परिवहन कार्यालय पहुंचा. डीटीओ ऑफिस के बड़ा बाबू त्रिलोकी नाथ मिश्रा को उसने अपना परिचय ईडी इंस्पेक्टर के रूप में दिया. डीटीओ से मिलने की बात कही. त्रिलोकी नाथ मिश्रा ने इसकी जानकारी डीटीओ को दी. उस वक्त डीटीओ अपने चैम्बर में नहीं थे. डीटीओ किसी काम से समाहरणालय गए थे.
इसके बाद बड़ा बाबू फर्जी ईडी इंस्पेक्टर को डीटीओ से मिलवाने समाहरणालय लेकर पहुंचे. वहां दोनों की मुलाकात हुई. डीटीओ ने उसका परिचय पूछा, तो उसने अपना परिचय जमशेदपुर स्थित विजिलेंस कार्यालय के इंस्पेक्टर के रूप में दिया. इसके बाद डीटीओ द्वारा जब बताया गया कि वहां के एसपी और डीएसपी मेरे मित्र है. डीटीओ जब विजिलेंस के डीएसपी को फ़ोन लगाने लगे तो आरोपी भागने का प्रयास करने लगा. उसे पकड़कर डीटीओ कार्यालय लाया गया. इसकी सूचना नगर थाना पुलिस को दी गई. सूचना मिलते ही नगर थाना की पुलिस डीटीओ ऑफिस पहुंची और फर्जी ईडी इंस्पेक्टर को हिरासत में लेकर नगर थाना चली गई.
बातचीत से डीटीओ ने फर्जी इंस्पेक्टर का खोला पोल
मिली जानकारी के अनुसार फर्जी इंस्पेक्टर समाहरणालय में डीटीओ फिलिबियुस बारला से मिला तो उन्हें अपना परिचय विजिलेंस रांची में इंस्पेक्टर शैलेन्द्र प्रसाद के रुप में दिया. उसने डीटीओ को यह भी बताया कि उसका बेटा छतीसगढ़ में आईएएस है. बातचीत के क्रम में डीटीओ ने भांप लिया कि यह फर्जी व्यक्ति है. जब डीटीओ बारला ने विजिलेंस रांची के अपने परिचितों के नम्बर पर फोन मिलाने लगे तो महेंद्र कुमार चौबे वहां से भाग गया.
पहले भी जेल जा चुका है महेंद्र कुमार चौबे
कुछ देर के बाद महेंद्र कुमार चौबे दोबारा डीटीओ कार्यालय पहुंच गया, जब इसकी जानकारी डीटीओ फिलिबियुस बारला को मिली तो उन्होंने उसे अपने कर्मचारियों से ही पकड़वा कर टाउन थाना भिजवा दिया. जब टाउन थाना में उससे कड़ाई से पूछताछ की गई तो महेंद्र कुमार चौबे ने स्वीकार कर लिया कि वह न ईडी का इंस्पेक्टर है न ही विजिलेंस में है. बल्कि वह फर्जी ईडी और विजिलेंस का अफसर बन कर धौंस जमाने डीटीओ कार्यालय पहुंचा था. डीटीओ कार्यालय के प्रधान सहायक त्रिलोकीनाथ मिश्र के बयान पर उसके विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 419 एवं 420 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस द्वारा की गई आरंभिक जांच में पता चला है कि महेंद्र कुमार चौबे पूर्व में भी खुद को अधिकारी बता कर लोगों को ठगने में जेल की हवा खा चुका है.
साहिबगंज-पाकुड़ का भी दौरा कर चुका है फर्जी ईडी इंस्पेक्टर
इन दिनों झारखंड में ईडी(प्रवर्तन निदेशालय) की चल रही जांच का सरकारी अधिकारियों में खौफ है. इसलिए उसने खुद को ईडी का इस्पेक्टर बन कर झांसा देने डीटीओ कार्यालय पहुंचा था. पता चला है कि दुमका आने से पहले यह फर्जी ईडी इस्पेक्टर साहिबगंज और पाकुड़ भी का भी दौरा कर चुका है. पाकुड़ और साहिबगंज में वह किन अधिकारियों से मिला यह जांच के बाद पता चलेगा. दुमका के डीटीओ फिलिबियुस बारला ने बताया कि इसकी मंशा भयादोहन करने की थी. इधर दुमका एसडीपीओ नूर मुस्तफा ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.
आधार कार्ड से हुई आरोपी की पहचान
उस व्यक्ति के पास जो आधार कार्ड मिला उसमें उसका नाम महेंद्र कुमार चौबे, पिता का नाम रघुनंदन चौबे, पता विश्रामपुर, केतात कला, पलामू का अंकित है. पुलिस उस व्यक्ति से गहन पूछताछ कर रही है. दरअसल ईडी ने पूजा सिंघल मामले में जिन जिलों के जिला परिवहन पदाधिकारी से पूछताछ की थी उसमें दुमका के जिला परिवहन पदाधिकारी पी बारला का नाम भी शामिल है. यह शातिर व्यक्ति शायद उसी का फायदा उठाकर डीटीओ से मिलने पहुंचा था, लेकिन पुलिस उसे दबोच ले गई.